मेहनत रंग लाई, सोशल मीडिया वाट्सअप हुआ कारगर साबित, परिजन लेने पहुंचे देवीसिंह को
🔲 धार जिले का है रहने वाला देवीसिंह
🔲 मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने पर हुसैन टेकरी शरीफ लाए थे परिजन
🔲 यहीं से निकल गया था देवीसिंह
🔲 पत्नी बच्चे पूरा परिवार है देवीसिंह का
🔲 जिला चिकित्सालय में हुई पूरी देख-रेख व उपचार
हरमुद्दा
रतलाम, 19 मई। मानसिक स्थिति खराब होने पर परिजन देवीसिंह को हुसैन टेकरी शरीफ लाए थे, लेकिन यहां से वह कहीं निकल गया। काफी ढूंढा मगर नहीं मिला। कुछ दिन पहले जिला चिकित्सालय में अचेत अवस्था में भर्ती किया गया। चिकित्साकर्मियों ने काफी मेहनत की और वह स्वस्थ हुआ। इसी बीच सोशल मीडिया व्हाट्सएप के आधार पर परिजनों को जानकारी मिली और वे लेने पहुंचे। लॉक डाउन और कोरोना वायरस संक्रमण के बावजूद सही सलामत मिलने पर परिजनों ने काफी खुशी का इजहार कर सभी सेवादारों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
समाजसेवी एवं काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि 2 दिन से प्रयास जारी थे।
इस तरह हुई खोजबीन शुरू परिजनों की
हाथों पर लिखें देवसिंह काकड़ पूरा के आधार पर महू के पास काकड़ पूरा, खंडवा के पास काकड़खेड़ी आदि जगह समाचार भेज खोजबीन की। इसी बीच 18 मई दोपहर व्हाट्सएप पर मैसेज पढ़कर उनका भाई चिंटू डाबर, माताजी एवं साला लेने जिला चिकित्सालय पहुंचे।
करीब 3 महीने पहले आए थे जावरा हुसैन टेकरी शरीफ
भाई ने बताया कि व्यक्ति का नाम देवसिंह डाबर निवासी काकलपूरा जिला धार, मध्य प्रदेश है। इसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से इसे जावरा दो-तीन माह पूर्व लाए थे। वहां से बिना बताए रात्रि में निकल गया, तब से यह परिजनों से बिछड़ गया। जावरा थाने में इसकी रिपोर्ट लिखाई थी। तब से घर वाले इसे खोज रहे थे।
रावटी से अचेत अवस्था में लाए थे देवी सिंह को जिला चिकित्सालय में
देवसिंह को रावटी से जिला चिकित्सालय में 9 मई को भर्ती कराया था। उसकी हालत बहुत गंभीर थी। हाथ पर गुदा हुआ था उसका और गांव का नाम। जिला चिकित्सालय अस्पताल के पुलिस चौकी प्रभारी अशोक शर्मा, पत्रकारगण, समाजसेवी उसके घर का पता ढूंढने में लगे हुए थे। साथ ही जिला चिकित्सालय की टीम उसे प्रतिदिन देख-रेख में इलाज कर उसे ठीक करने में लगी हुई।
परिजन ले गए उसे घर
सुबह भी उसे कटिंग करवा कर स्नान करवाया और नए कपड़े पहनाए गए। दोपहर को देवसिंह डाबर को उसके भाई माताजी एवं साले के साथ वाहन में सकुशल घर के लिए रवाना किया। घर पर उसकी पत्नी दो बेटी और एक बेटा इंतजार कर रहे थे। अभी फोन पर चर्चा में उन्होंने रतलामवासियों का ह्रदय से धन्यवाद दिया।