पाकिस्तानी से आए टिड्डी दल को ट्रेक्टर में लगे साउंड सिस्टम बजाकर खदेड़ा
🔲 ज़िले में टिड्डी दल का सब्ज़ी और मौसमी फ़लों पर हमला
🔲 कलेक्टर ने किए बचाव दल गठित
हरमुद्दा
शाजापुर, 20 मई। कोरोना त्रासदी के बीच ज़िले में पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने सब्ज़ी और मौसमी फ़लों पर हमला बोल दिया है। पेड़ के पत्तों, पौधों और फ़सलों को चंद मिनटों में चट करने में माहिर टिड्डियों को खदेड़ने के लिए कलेक्टर ने बचाव दल गठित कर दिए हैं।
ग्रामीण ट्रेक्टर में लगे साउंड सिस्टम और थाली, ढ़ोल बजाकर इन्हें भगा रहे हैं। वहीं लाखों की संख्या में गांव में घुसे टिड्डियों को खदेड़ने के लिए हवाई फ़ायर भी किए गए। पटाख़े जलाए। किसान बचाव के लिए सब्ज़ी और अन्य मौसमी फ़सलों पर दवाइयों का छिड़काव भी कर रहे हैं। प्रशासन और पुलिस के वाहनों में लगे हूटर, फ़ायर ब्रिगेड के सायरन भी टिड्डियों के पड़ाव स्थल पर बजाए जा रहे हैं।
34 साल पहले टिड्डी दल ने बोला था हमला
क़रीब 34 साल पहले 1986 में अविभाजित शाजापुर ज़िले के आगर, बडौद क्षेत्र के गांवों में टिड्डी दल ने बड़ा हमला बोला था। कई हफ़्ते टिड्डी दल फ़सलों को नुक़सान पहुंचाता रहा। लंबे अर्से बाद टिड्डी दल फ़िर अगर ज़िले से होते हुए शहरी सीमा के क़रीब स्थित गांवों तक पहुंच गया है। शाजापुर और मो. बड़ोदिया ब्लॉक के गांव में इसका ज़्यादा असर देखा गया।
चट कर रहा है दल घांस और चरी
शहर से नज़दीक चीलर बांध किनारे स्थित ग्राम धाराखेड़ी, मुल्लाखेड़ी के साथ नगर की उत्तरी दिशा में ग्राम कंकड़ी, बिजाना में इनका प्रकोप रहा। लाखों की संख्या में टिड्डियों ने खाली पड़े खेतों की मेड़ों और आसपास खड़े पेड़ों पर अड्डा जमा लिया। टिड्डी जहां बैठीं पेड़ों के पत्ते, खेतों में खड़ी मवेशियों की चरी, घांस को चट कर गईं।
संभावित इलाकों में निगरानी के निर्देश दिए कलेक्टर ने
टिड्डी दल के हमले की जानकारी पूर्व से प्रशासन को थी। इसकी रोकथाम के लिए कलेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने दल गठित कर संभावित इलाकों की निगरानी के निर्देश दे दिए थे।
घुसते खदेड़ना कर दिया शुरू किसानों ने
ग्राम पंचायतों, चौकीदारों के माध्यम से किसानों को सतर्क कर दिया गया था। जैसे ही टिड्डी दल ज़िले की सीमा में आया, उसे खदेड़ना शुरू कर दिया। किसानों, ग्रामीणों ने थाली, ढ़ोल पीटकर इन्हें अपने खेतों और गांव की सीमा से भगाया। ग्रामीणों ने ट्रेक्टर, दुपहिया वाहनों का उपयोग भी टिड्डी दल को खदेड़ने में किया। ट्रेक्टर में लगे साउंड सिस्टम और दुपहिया वाहनों के हॉर्न का शौर भी इन्हें भागने में कारगर रहा।
अपने संसाधनों का किया उपयोग
वहीं ज़िले की विभिन्न नगर पालिकाओं के दल ने भी टिड्डीग्रस्थ इलाकों में अपने संसाधनों का उपयोग किया। अमले के साथ नगरीय सीमा के समीप स्थित गांवों में पहुंचकर टिड्डी दल को भगाया गया। इन पर केरोसिन, पानी का छिड़काव भी किया। लाखों की संख्या में ज़िले की सीमा में घुसे टिड्डी दल उन्हें खदेड़ने वालों के लिए भारी मशक्क़त का सबब बन गया है। निर्भीक टिड्डियां एक स्थान से उड़कर दूसरी जगह पहुंच घंटों छकाती रहीं। कई जगहों पर इन्हें भागने के लिए किसानों ने हवाई फ़ायर किए और पटाखे छोड़कर भी खदेड़ा गया।
इनका कहना
राजस्थान की सीमा से प्रवेश कर आगर होते हुए टिड्डी दल ज़िला मुख्यालय और मो. बड़ोदिया के आसपास आ पहुंचा था। इनके प्रकोप को रोकने के लिए पंचायत स्तर पर दल गठित कर दिए हैं। जिन जगहों पर टिड्डी दल के पहुंचने की जानकारी मिली थी, वहां से उन्हें खदेड़ दिया गया है।
🔲 डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, कलेक्टर, शाजापुर