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बात मुद्दे की : शराब की दुकान पर लगाई अब शिवराज सरकार ने शिक्षकों की ड्यूटी, कांग्रेस ने तानी भृकुटी

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🔲 कांग्रेस ने उठाया मुद्दे को, जताया सख्त ऐतराज

🔲 साहित्यकार और शिक्षकों ने भी किया विरोध

भोपाल/सागर/रतलाम, 12 जून। शिवराज सरकार ने अब शिक्षकों की ड्यूटी शराब बेचने के लिए लगा दी है जिसका प्रदेश में विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाते हुए भ्रुकुटी तान ली है। शिवराज सरकार राजस्व के लिए पागल हो गई है। साहित्यकार और शिक्षाविदों का कहना है सरकार का यह कदम अशोभनीय एवं निंदनीय है। सरकार के सलाहकार मंडल का कुछ नैतिक दायित्व शायद नहीं बचा है। सरकार को जनहित में फैसला वापस लेना चाहिए।

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उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों द्वारा ठेकों को समर्पित किए जाने के बाद कई जिलों में सरकार ही शराब दुकानों का संचालन कर रही है।

पहले महिलाओं की अब लगाई शिक्षकों की ड्यूटी

मुद्दे की बात यह है कि पहले महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी शराब दुकान के संचालन में लगाई गई और अब शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है। सागर कलेक्टर के आदेश पर।

ग्रीष्मकालीन अवकाश निरस्त, मदिरा दुकान संचालन के लिए लगाई ड्यूटी

कार्यालय कलेक्टर (आबकारी) जिला सागर के आदेश क्रमांक 925 दिनांक 9 जून का हवाला देते हुए सहोदरा राय शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सागर के प्राचार्य डॉ. वाय पी सिंह द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में 5 कर्मचारियों की ड्यूटी ग्रीष्मकालीन अवकाश निरस्त कर लगाई गई है। जिन 5 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई, उनमें बीआर पहाड़े, एनपी पाराशर, दीपक पैगवर, डीपी कतिया, एमसी कौरी के नाम हैं।

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सभी को है सख्त एतराज सरकार के इस निर्णय का

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कुछ तो शर्म करो शिवराज : सज्जन सिंह वर्मा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ट्वीट कर शिक्षकों की शराब दुकानों पर ड्यूटी का विरोध किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- ‘कुछ तो शर्म करो शिवराज, महिलाओं को शराब दुकानों पर बैठाने से भी तुम्हारा पेट नहीं भरा और अब शिक्षकों को शराब की दुकान पर बैठा रहे हो। इससे ज्यादा शर्मनाक और निंदनीय प्रदेश में कुछ और नहीं हो सकता। जनता ही जल्दी इस सत्ता के नशे को उतारेगी’।

शर्म नाम की चीज नहीं बची : अरुण यादव

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा, “मध्य प्रदेश में पहले महिला पुलिसकर्मियों ने बेची शराब और अब शिक्षक बेचेंगे शराब। शिवराज सिंह, शर्म नाम की तो कोई चीज ही नहीं बची है। जिन पर प्रदेश की सुरक्षा और बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी है, उन्हें शराब बेचने का काम सौंप दिया, वाह शिवराज जी वाह।”

प्रदेश सरकार का कार्य निंदनीय

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शिक्षकों की ड्यूटी शराब बेचने में लगाई, यह मुद्दा काफी गंभीर है। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध कर रही है। शिवराज सरकार का यह निंदनीय कार्य है। हर चीज राजस्व से नहीं चलती है। नैतिकता भी कोई चीज होती है। नैतिक मूल्यों को जिंदा रखना, पहला कर्तव्य होना चाहिए। शिवराज सरकार राजस्व के लिए पागल हो गई है।

🔲 महेन्द्र कटारिया, अध्यक्ष शहर कांग्रेस, रतलाम

अशोभनीय निर्णय

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शिवराज सरकार ने पहले महिला कर्मचारियों की ड्यूटी शराब बेचने के लिए लगाई। इसके पश्चात अब शिक्षकों की ड्यूटी। इस कार्य में लगाई गई है। यह अशोभनीय कार्य है। सागर का साहित्य समाज इस मुद्दे की कठोर शब्दों में भृर्त्सना करता है। सभ्य समाज के लिए यह संदेश घोर आपत्तिजनक है। सरकार को जनहित में फैसला वापस लेना चाहिए।

🔲 डॉ. शरद सिंह, साहित्यकार, सागर

सामाजिक मूल्यों के पतन की पराकाष्ठा

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शिक्षकों की ड्यूटी शराब बेचने में लगाना तो सामाजिक मूल्यों के पतन की पराकाष्ठा को निरूपित करता है। यह निर्णय तो समाज और शिक्षा को गर्त में ले जाने वाला है। अब क्या किया दिन देखने को मिल रहे हैं? जो कभी सोचा भी नहीं था। सरकार के सलाहकार मंडल का कुछ नैतिक दायित्व शायद नहीं बचा है।

🔲 डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला, शिक्षाविद एवं साहित्यकार रतलाम

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