जगन्नाथ पुरी की सदियों पुरानी परंपरा पर कोरोना का ग्रहण : जगन्नाथ रथ यात्रा निकलेगी या नहीं, आज फैसला
🔲 सदियों पुरानी है परंपरा रथ यात्रा की
🔲 16 दायर याचिका पर होगी सुनवाई
हरमुद्दा
दिल्ली, 22 जून। कोरोनावायरस संक्रमण के मद्देनजर भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस फैसले में संशोधन की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर कोर्ट सोमवार को विचार करेगा। 23 जून से श्री जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होना है। लाखों लोगों का जमावड़ा होता है। इस साल कोरोना वायरस ने जगन्नाथ पुरी की यात्रा को ग्रहण लगा दिया है।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा की विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा इस साल 23 जून यानी मंगलवार को शुरू होना थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए एक जगह पर लाखों लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं दी है। यात्रा निकाले जाने को लेकर 16 याचिकाएं दाखिल हुईं हैं, जस्टिस एस रवींद्र भट द्वारा इन पर विचार किया जाएगा।
सदियों पुरानी परंपरा है रथ यात्रा
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में कहा गया है कि जगन्नाथ रथयात्रा सदियों पुरानी परंपरा है जिसमें करोड़ों लोगों की आस्था है। इस यात्रा को सिर्फ पुरी में ही निकालने की इजाजत दी जाए। मांग की गई है कि पुरी की मुख्य रथयात्रा को ही अनुमति दे दी जाए।
केवल 500-600 को ही पूजा की दी जाए अनुमति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट से आग्रह किया गया है कि यात्रा निकालने और पूजा के लिए लाखों लोगों के बजाय सिर्फ 500-600 लोगों को ही अनुमति दी जाए। इस दौरान कोरोना से बचाव संबंधी सभी गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।
मंडली के बिना दी जा सकती है अनुमति : संदीप पात्रा
पुरी जगन्नाथ यात्रा को लेकर बीजेपी नेता संबित पात्रा की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में उन्होंने कहा है कि भगवान जगन्नाथ के उन 800 सेवायतों के माध्यम से भक्तों की मंडली के बिना रथयात्रा निकालने की अनुमति दी जा सकती है।