मोबाइल और इंटरनेट नहीं रहने पर भी बच्चे कर सकेंगे ऑनलाइन अध्ययन
🔲 राज्य शिक्षा केन्द्र का ‘दूरस्थ शिक्षा’ अभियान
🔲 अब तक हो चुके 4 चरणों के प्रशिक्षण ऑनलाइन
हरमुद्दा
पिपलौदा, 23 जून। अब जिन बच्चों के पास मोबाइल इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वह भी अपना अध्ययन निरंतर जारी रख सकेंगे। इसके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने ‘दूरस्थ शिक्षा’ के विभिन्न आयामों से शिक्षकों को अवगत करवाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रारंभ किया है।
यह प्रशिक्षण का चौथा भाग है, इसके पहले 3 ऑनलाइन प्रशिक्षण शिक्षकों को दिए जा चुके है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. नरेन्द्र गुप्ता ने हरमुद्दा को बताया कि कोविड 19 के कारण ग्रीष्मकाल में शिक्षकों के होने वाले सभी प्रशिक्षणों को ऑनलाइन किया गया है।
शिक्षकों के लिए अनिवार्य है ऑनलाइन प्रशिक्षण
डॉ. गुप्ता ने बताया कि इसके 3 चरण पूर्व में हो चुके हैं, जिनमें पहले चरण में लगभग 350 शिक्षक, दूसरे चरण में 785 तथा तीसरे चरण में डेढ़ हजार शिक्षक प्रशिक्षण से वंचित है। जिले की कक्षा 1 से 12 तक की शालाओं में पदस्थ शिक्षकों, अधिकारियों तथा जनशिक्षकों को यह प्रशिक्षण करना अनिवार्य है।
बच्चों की शिक्षा को निरंतर रखने के गुर सिखाए
प्रशिक्षण के पहले चरण की शुरुआत सीएम राईज के नाम से 1 मई को की गई थी, जिसमें प्रशिक्षण का परिचय करवाया गया था। इसके बाद दूसरे चरण में शिक्षक की भूमिका को स्पष्ट किया गया था। तीसरे चरण में शिक्षकों के चिन्तन स्तर को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। अब चौथे चरण में कोविड 19 के खतरे को देखते हुए शिक्षक किस प्रकार अपने स्कूल के छात्रों को शिक्षा से जोड़ सकते हैं, इसके बारे में जानकारी प्रदान की गई है। इस प्रशिक्षण में शिक्षकों की भूमिका, पालकों से संपर्क, ऑनलाइन शिक्षण से वंचित बच्चों की शिक्षा को निरंतर रखने के गुर सिखाए गए हैं।
तो उन्हें वंचित नहीं रखा जा सकता शिक्षा से
जिला शिक्षा केन्द्र के अकादमिक समन्वयक चेतराम टांक ने बताया कि जिले की सभी शालाओं में कक्षावार वाट्सएप समूह बनाए गए हैं। इसमें कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को जोड़ कर राज्य स्तर से प्राप्त शिक्षण सामग्री भेजी जा रही है। इससे बच्चों का शिक्षण हो रहा है। इन समूहों का प्रति सप्ताह 150 अवलोकन भी किए जा रहे हैं। बच्चों को गृह कार्य देकर जांच भी की जा रही है। अब शिक्षकों को प्रशिक्षण के माध्यम से तैयार किया जा रहा है कि जो छात्र ऑनलाइन सामग्री प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं तथा इन समूहों से नहीं जुड़े उनकों भी शिक्षण से वंचित नहीं रखा जा सकता है।
नीति आयोग के साथ मॉनिटरिंग
समूहों में ऑनलाइन अध्ययन से जुड़े छात्रों तथा उनके पालकों से फीड बैक तथा शिक्षकों से शिक्षक सहभागिता फार्म ऑनलाइन भरवाए जा रहे हैं। इसकी मॉनिटरिंग नीति आयोग के साथ समूह तथा राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा की जा रही है।