संवेदनशीलता से होता है कविता का संबंध : डॉ. जलज

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रतलाम। कविता हम सबके भीतर होती है, हर काम कविता की शक्ल ले सकता है। कोई डाक्टर या इंजीनियर भी अच्छा कवि हो सकता है। कविता लिखना कोई व्यवसाय नहीं है। इसका संबंध संवेदनशीलता से है, जो जितना अधिक संवेदनशील होगा उसके उतना ही अच्छा कवि होने की संभावना होगी।

यह बात भाषाविद व साहित्यकार डॉ. जयकुमार जलज ने कही। डॉ. केप्टन एन.के. शाह के काव्य संग्रह ‘कविता की पगडंडिया‘ के विमोचन अवसर पर डॉ. जलज मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। काव्य संग्रह के विमोचन पर अतिथि के रूप में महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, डी.आर.एम. आर.एन. सुनकर, डॉ. केप्टन एन.के. शाह के अग्रज कनकभाई शाह, श्रीमती इन्दिरा एन.के. शाह मंचासीन थे। अतिथियों का स्वागत मयंक शाह, मेघा शाह ने किया।

कविता ईश्वर प्रदत्त गुण 

भारतीय सेना में चिकित्सक के रूप में सेवा प्रदान करने वाले डॉ. केप्टन एन.के. शाह के कविता संग्रह के विमोचन अवसर पर महापौर डॉ. सुनीता यार्दे ने कहा कि पगडंडिया शीर्षक ही आकर्षक है। समाज का कोई भी ऐसा विषय नहीं है जिनके लिए कवि मन से बात न निकलती हो। कविता ईश्वर प्रदत्त गुण है। कवि मन की संवेदनशीलता की अभिव्यक्ति सभी तक पहुंचाना भी साधारण बात नहीं है।

असाधारण प्रतिभा छुपी 

आयोजन में अतिथि डी.आर.एम. आर.एन. सुनकर ने कहा कि डॉ. शाह में असाधारण प्रतिभा छुपी हुई है। वास्तव में व्यक्ति जिस दिन पैदा होता है, उसी दिन तय हो जाता है कि आप क्या होंगे। चिकित्सा से कविता तक का सफर आपका वास्तविक व्यक्तित्व बताता है।

रचना के लिए जरूरी है भाव

इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए युवा संगीत निर्देशक सिद्धार्थ काश्यप ने कहा कि किसी भी रचना के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है उसका भाव। कवि के पास रचनात्मकता होना आवश्यक है। श्री काश्यप ने कहा कि मैं बचपन से ही डॉ. केप्टन एन.के. शाह की कविताएं पढ़ता रहा हूं। मैंने ही आपसे कविताओं के पुष्पों को पुस्तकरूपी माला में संजोने का आग्रह किया था।

साहित्यकार दशोत्तर का सम्मान

काव्य संग्रह कविता की पगडंडिया को सृजनात्मकता देने में अहम भूमिका निभाने वाले आशीष दशोेत्तर का सम्मान किया गया। आयोजन में प्रमुख रूप से शरद फाटक, डॉ. जयंत सुभेदार, डॉ. आई.एम. कुरैशी, डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला, राकेश झालानी सहित नगर के गणमान्य नागरिक व चिकित्सकगणों की गरिमामय उपस्थिति थी। संचालन अब्दुल सलाम खोकर ने किया। आभार मयंक शाह ने माना

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