गले की हड्डी ना बन जाए ऑनलाइन क्लासेस
🔲 सभी के हो जाएंगे बोरी बिस्तर गोल
🔲 सतीश त्रिपाठी
सभी स्कूल वालों को यह समझना चाहिए कि आज आप ऑनलाइन क्लासेस का बहुत ज्यादा समर्थन कर रहे हैं, कहीं ऐसा ना हो कि यही आपके गले की हड्डी बन जाए। एक दिन ऐसा आएगा जब अंबानी, अदानी, टाटा, बिरला या कोई और सस्ती ऑनलाइन क्लास लांच कर दे तो सभी स्कूलों पर ताले लग जाएंगे। ध्यान रखें एक दिन यह अवश्य आएगा।
फिर मांगना पूरी फीस। बच्चों को घर बैठे पढ़ने की आदत स्कूल वाले डालेंगे और मजे बड़े घराने ले जाएंगे।वह समय दूर नहीं जब रिलायंस या कोई और बड़ी कंपनी ऑनलाइन क्लासेस लांच कर दे।
ना हो जाए घाटे का सौदा
बेशक कोई भी बड़ी कम्पनी जब सरकार से नीतियों में परिवर्तन करवा कर कम फीस में ऑन लाइन क्लास लगाएगी (जिसमे देश के जाने माने विशेषज्ञ शिक्षा देंगे) और निजी स्कूलों में ताले लगवाएगी तब समझ आएगा इनको। आज का फायदा कल का घाटे का सौदा न हो जाए। बच्चे सिर्फ परीक्षा देने जाएंगे साल की पूरी पढ़ाई ऑन लाइन होगी और आगे पालक भी खुश की बच्चा घर पर ही आंख के सामने पढ़ रहा है, न ड्रेस का झंझट, न टिफ़िन का और न ही ऑटो का , बस्ते के भारीभरकम बोझ से भी पूरी तरह मुक्ति।
आने वाले कल के लिए चुनौती
स्कूल संचालकों के लिए आज यह सब जरूर सुनहरा स्वप्न लग रहा है परन्तु यह आनेवाले कल की इनके लिए बहुत बड़ी चुनौती है और बड़े व्यवसायिक घराने इसे जल्द ही हाथों हाथ अपना लेंगे क्योंकि इसके लिये जरूरी संसाधन जुटाना उनके लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। फिर ये आंदोलन करें या सरकार को कोसे बस राजनीति पार्टिर्यों की कठपुतलियां बन अपने कर्मो का बोझ ही ढोएगी।