लोकसभा सचिवालय के कार्यकारी अधिकारी सलिल सरोज की रचना : कहेंगे
कहेंगे
🔲 सलिल सरोज
वो तुम्हें झूठ पहले रो कर कहेंगे
फिर सीने पर खड़े हो कर कहेंगे
आला- ईमान के मालिक हो तुम
वो भरे बाज़ार तुम्हें जोकर कहेंगे
तुम्हें खुदा अपना भगवान कहेंगे
और चुनाव के बाद नौकर कहेंगे
कमाते हो तो हीरे- जवाहरात हो
बेजाँ बुढ़ापे में तुम्हें कंकर कहेंगे
इश्क़ करने की रवायत बदल लो
वर्ना सनम, राह की ठोकर कहेंगे
तुम्हीं तो हो अमन चैन के दुश्मन
हर घर में नफरत बो कर कहेंगे
कब करोगे हमारे दिल की बात
‘साहब’ कहते हैं सो कर कहेंगे
🔲 सलिल सरोज
कार्यकारी अधिकारी
लोकसभा सचिवालय
नई दिल्ली