अट्ठाई तपस्या पूर्ण की संयम पालरेचा ने
🔲 तपस्वी का नहीं निकाला वर घोड़ा
हरमुद्दा
रतलाम, 25 अगस्त। चातुर्मास के दौरान तपस्याओं का दौर चल रहा है। जैन साधु संतों के सानिध्य में हर उम्र के लोग तपस्या कर रहे हैं। इसी कड़ी में धर्म संस्कृति के प्रति अथाह रुचि रखने वाले संयम जैन पालरेचा ने आठ उपवास की तपस्या पूर्ण की।
मेडिकल व्यवसायी प्रवीण जैन पालरेचा के परिवार में सभी सदस्य धर्म संस्कृति आध्यात्म के प्रति श्रद्धा व विश्वास रखते हैं। धर्म कार्य में सदैव तत्पर रहते हैं।
पुत्री लब्धि जैन भगवान की महिमा के भजनों की मधुर प्रस्तुति देती है। पत्नी कविता भी साधु संतों की सेवाओं के साथ धर्म कार्य में तल्लीन रहती है।
श्री जैन ने बताया कि तपस्वी के अनुमोदनार्थ वरघोड़ा निकाला जाता है लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन के जारी निर्देशों का पालन करते हुए इस आयोजन को स्थगित किया गया है। उल्लेखनीय है कि संयम ने जनवरी में ही पालीताना में छठ यात्रा भी पूरी की है। ज्ञातव्य है कि यह यात्रा 2 दिन में बिना कुछ खाए पीए पूरी करना होती है। यात्रा के दौरान तकरीबन 32 सौ सीढ़ियां चढ़ना और आदिनाथ जी के दर्शन करना होते हैं। यह क्रम 7 बार होता है। तब जाकर छठ यात्रा पूरी होती है।
तपस्या पूर्ण होने पर सुबह किया जिन शासन का पूजन
तपस्वी के उत्साहवर्धन के लिए चौबीसी का कार्यक्रम किया गया। तपस्या पूर्ण होने पर मंगलवार को सुबह मंदिर में जिनशासन का पूजन अर्चन हुआ। मंगलवार को संयम द्वारा पारणा किया गया।