मध्यप्रदेश में नवाचार : कोरोना के चलते पाठ्यक्रम को बनाया गया अधिक रुचिकर एवं संक्षिप्त
हरमुद्दा
भोपाल, 2 सितंबर। कोरोना संकट काल में विद्यालय बंद रहने के दौरान बच्चों के सीखने के स्तर में कमी न हो तथा वे घर पर ही कुछ न कुछ सृजनात्मक एवं सकारात्मक गतिविधियों में संलग्न रहते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखें। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पहली से आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रमों को और अधिक रुचिकर एवं संक्षिप्त किया गया है।
आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम- 2011 के तहत कक्षा पहली से आठवीं तक के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु को ‘फेस-टू-फेस मोड’ जैसे- क्लास रूम, डिजिटल क्लास, रेडियो, टी.वी. क्लास आदि के माध्यम से लगभग 60 प्रतिशत तथा होम असाइनमेंट एवं प्रोजेक्ट वर्क लगभग 40 प्रतिशत के रूप में पुनर्नियोजित किया गया है। पाठ्यक्रम के पुनर्नियोजन से अब बच्चे घर पर ही रुचिकर गतिविधियों के साथ बिना किसी दबाव के अपने पाठ्यक्रम को पूरा कर सकेंगे।