मनरेगा में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद गठित दल नहीं कर रहा जांच
🔲 ग्राम पंचायत भाखरखेड़ी में मनरेगा के कामों में भारी झोलझाल
हरमुद्दा
पिपलौदा (रतलाम), 12 सितंबर। जनपद की ग्राम पंचायत भाखरखेड़ी में मनरेगा के कामों में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आई है। इस मामले में जिला पंचायत से जांच दल गठित किया गया है, लेकिन एक सप्ताह में होने वाली जांच करीब एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी नहीं हो सकी है। शिकायत में शिकायतकर्ता हिम्मतसिंह आंजना ने ग्राम पंचायत की महिला सरपंच, सचिव तथा सरपंच पुत्र पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
शिकायतकर्ता आंजना ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत के ग्राम झातला, बेलारा तथा भाखरखेड़ी में तालाब निर्माण कार्य मनरेगा के अंतर्गत किया गया है।
ऐसे हुआ है भ्रष्टाचार
इसमें मजदूरी से कार्य करना दर्शाया गया है, लेकिन जेसीबी आदि मशीनों का उपयोग किया गया है। इसी प्रकार ग्राम के वार्ड क्रमांक 1 में सीमेंटेड रोड़ का कार्य किया गया है। यहां पूर्व से बनी सड़क पर 4 लाख की लागत बताई व मात्र सीमेंट डाल कर खानापूर्ति कर दी गई है। न तो इसमें मुरम का बैस बनाया गया है और न ही गुणवत्तापूर्ण निर्माण किया गया है। यह सड़क निर्माण के 6 माह में ही उखड़ गई है। ग्राम पंचायत के अंतर्गत मनरेगा के तहत पौधारोपण का कार्य भी किया गया है। यह कार्य उसी स्थान पर बताया गया है, जहां पूर्व से पौधे लगे थे। अभी बरसात का समय होने के बाद भी अधिकांश पौधे मर चुके हैं। इन सभी कार्यों में मजदूरों से काम करना बताया गया है, लेकिन जिन मजदूरों से काम करना बताया गया है, उनको इसका भुगतान नहीं किया गया है। उनके नाम से फर्जी मस्टर भरे गए हैं।
चाहे तो के खाते में डाली जा रही है राशि
शिकायतकर्ता हिम्मतसिंह का कहना है कि ग्राम में हुए निर्माण कार्य में राशि सहायक सचिव तथा सरपंच पुत्र बंकटदास बैरागी के चहेतों के खातों में डाली जाती है तथा सहायक सचिव देवीलाल प्रजापत के पास लोगों के 100 से अधिक एटीएम कार्ड है, जिनसे वह राशि निकाल लेता है।
जिला पंचायत के सीईओ ने दिए हैं जांच के आदेश
इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप केरकेट्टा ने परियोजना अधिकारी सुजीत मालवीय तथा सहायक यंत्री जेएस राठौर के मार्गदर्शन में जांच दल गठित कर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था, लेकिन 1 सितंबर को जारी आदेश का एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी मामले में कोई जांच अभी तक नहीं हो सकी है। इससे सरपंच पुत्र, सचिव बलवंत लौधा व सहायक सचिव देवीलाल प्रजापत के हौंसले बुलंद है।
नहीं पहुंचे जांच दल के अधिकारी तय समय पर
जांच दल प्रभारी सुजीत मालवीय ने 4 सितंबर को पत्र जारी कर ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव तथा सहायक सचिव को रिकार्ड के साथ 7 सितंबर को उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए थे तथा इसकी सूचना शिकायतकर्ता को भी दी थी। इसके बाद जांच दल का कोई अधिकारी निर्धारित दिनांक को ग्राम पंचायत मुख्यालय पर नहीं पहुंचा।