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बाबरी विध्वंस पर ऐतिहासिक फैसला : जज ने कहा – पूर्व नियोजित घटनाक्रम नहीं, सभी 32 आरोपी बरी

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🔲 जज ने कहा कि अशोक सिंघल के खिलाफ कोई सबूत नहीं

हरमुद्दा
लखनऊ, 30 सितंबर। बाबरी विध्वंस मामले में 28 साल बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया दिया गया है। एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत सभी 32 आरोपी बरी कर दिए गए हैं।

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जज एसके यादव ने अपने फैसले की शुरुआत में कहा कि यह पूर्व नियोजित घटनाक्रम नहीं था। यानी आरोपियों ने पहले से इसकी साजिश नहीं रची। अशोक सिंघल के बारे में जज ने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। जो तस्वीरें पेश की गईं, उन्हें साक्ष्य नहीं माना जा सकता है।

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लखनऊ में हुई इस सुनवाई में छब्बीस आरोपी मौजूद रहे। हालांकि आडवाणी, जोशी, उमा भारती को कोरोना महामारी देखते हुए छूट दी गई है। इस ऐतिहासिक फैसले को सीबीआई के विशेष जज एसके यादव ने सुनाया, जिनके कार्यकाल का यह अंतिम फैसला है। 30 सितंबर 2019 को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को फैसला सुनाने तक उन्हें सेवा विस्तार दे रखा था। CBI ने गवाहों के परीक्षण के बाद 2 सितंबर को फैसला लिखाना शुरू किया था। निर्णय करीब दो हजार पेज का है। बतातें चले कि सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने ही करीब साढ़े आठ सौ पेज की लिखित बहस दाखिल की थी।

सात श्रेणी में थे 32 आरोपित

🔲 लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, उमा भारती व साध्वी ऋतंभरा।

🔲 सतीश प्रधान, राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत नृत्यगोपाल दास व धर्मदास।

🔲 रामचंद्र खत्री, सुधीर कक्कड़, अमरनाथ गोयल, संतोष दुबे, लल्लू सिंह, कमलेश त्रिपाठी, विजय बहादुर सिंह, आचार्य धर्मेंद्र देव, प्रकाश शर्मा, जयभान सिंह पवैया, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, विनय कुमार राय, रामजी गुप्ता, गांधी यादव व नवीन भाई शुक्ला।

🔲 पवन कुमार पांडेय, बृज भूषण शरण सिंह व ओम प्रकाश पांडेय।

🔲 महाराज स्वामी साक्षी उर्फ स्वामी सच्चिदा नंद साक्षी।

🔲 रवींद्र नाथ श्रीवास्तव।

🔲 कल्याण सिंह।

1993 में हाईकोर्ट के आदेश पर लखनऊ में गठित हुई थी विशेष अदालत

ज्ञातव्य है कि बाबरी मस्जिद के गिरने के 7 दिन बाद ही केस सीबीआई को सौंप दिया गया था। इस मामले की अलग-अलग जिलों में सुनवाई हुई, जिसके बाद इलाहबाद हाईकोर्ट ने 1993 में सुनवाई के लिए लखनऊ में विशेष अदालत का गठन किया था। तब सीबीआई ने अपनी संयुक्त चार्जशीट फइल की। इस चार्जशीट में ही बाल ठाकरे, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह, चम्पत राय जैसे 49 नाम जोड़े गए।

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