कोरोना ने कर दिया बेरोजगार : मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के 9 हजार ऑपरेटर्स को किया बेरोजगार, नहीं हटाया तो बीईओ को देना होगा वेतन

🔲 पुस्तक वितरण की एंट्री विमर्श पोर्टल पर नहीं हुई तो पियो के विरुद्ध कार्रवाई

🔲 किसी भी स्थिति में नहीं बढ़ाया जाएगा अनुबंधा आगे

🔲 कंप्यूटर ऑपरेटर की कोई उपयोगिता नहीं वर्तमान में

🔲 ऑनलाइन कार्य में होगा मुसीबत का सामना

हरमुद्दा
भोपाल, 26 अक्टूबर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों से करीब 9000 कंप्यूटर ऑपरेटर्स को हटा दिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के विकास खंडों के शिक्षा कार्यालयों और स्कूलों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटर रखे गए थे। सभी की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। इसके चलते अब परेशानी का सामना करना पड़ेगा, जबकि सभी कार्य ऑनलाइन चल रहे हैं। इसके साथ ही विकास खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह विमर्श पोर्टल पर स्कूलों में पुस्तकों की एंट्री दर्ज कराएं। आदेश का पालन नहीं हुआ तो बीईओ के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान यह निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि आउट सोर्सिंग के जरिए रखे गए कंप्यूटर आपरेटर्स को तत्काल सेवा से अलग कर दें। इनके साथ जो अनुबंध किया गया था, वह सिर्फ एक साल के लिए ही होना चाहिए था।

कोविड-19 में कोई उपयोगिता नहीं कंप्यूटर आपरेटर्स की

वर्तमान में कोविड के कारण स्कूलों में इनकी कोई उपयोगिता नहीं है। अत: इनको तत्काल सेवा से पृथक किया जाए। किसी भी स्थिति में इनको आगे नहीं रखना है। जब तक शासन से इस संबंध में निर्देश नहीं मिलते हैं। हर साल का अनुबंध अलग से होगा। पहले किए गए अनुबंध को बढ़ाया न जाए।

कार्य करते पाए गए तो बीईओ को देना होगा वेतन

अभी भी यदि किसी विकासखंड के स्कूलों में कंप्यूटर आपरेटर्स कार्य करते हुए पाए जाते हैं, तो इनका मानदेय विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को खुद के वेतन से करना होगा। प्रदेश में करीब 9 हजार हाई व हायर सेकेंंडरी सरकारी स्कूल है। सभी जगह एक कंप्यूटर आपरेटर रखे गए थे। ऐसे में प्राचार्यों का कहना है कि हर रोज विभाग से नए आदेश आते हैं, तब कंप्यूटर आपरेटर ही सबकुछ आनलाइन करते हैं।

विमर्श पोर्टल पर दर्ज कराए एंट्री

सभी बीईओ विमर्श पोर्टल पर स्कूलवार नि:शुल्क पुस्तकों का वितरण विमर्श पोर्टल पर अनिवार्यत: दर्ज करें। अगर एंट्री नहीं हुई तो यह माना जाएगा कि आपने स्कूलों में पुस्तकों का वितरण नहीं किया है। ऐसी स्थिति में बीईओ के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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