सीखने और सिखाने की दृष्टि से एक बेहतर वातावरण दें बच्चों को : शर्मा

🔲 उत्कृष्ट विद्यालय में हुई प्राचार्यो की बैठक

हरमुद्दा
रतलाम, 11 नवंबर। बच्चों को डीजिलेप के माध्यम से जो वीडियो सामग्री उपलब्ध कराई गई है, उसे समय सीमा में तथा विद्यालय में सीखने और सिखाने की दृष्टि से एक बेहतर वातावरण में बच्चों को प्रदान किया जाए।

यह बात जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने प्राचार्य को संबोधित करते हुए कही। बुधवार को शासकीय उत्कृष्ट उमावि रतलाम में कक्षा 10 में 50% से कम परिणाम लाने वाली संस्थाओं तथा इस सत्र में 70 से अधिक छात्र संख्या वाली संस्थाओं के प्राचार्यो की बैठक जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ली गई। जिला शिक्षा अधिकारी श्री शर्मा ने आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।

एलईडी क्रय करने के दिए निर्देश

श्री शर्मा शिक्षा में तकनीक के उपयोग के लिए एलईडी के माध्यम से अध्यापन पर भी जोड़ दिया गया। इसके लिए सभी विद्यालयों को आयुक्त लोक शिक्षण के निर्देशानुसार एलईडी क्रय करने के निर्देश दिए।

विशेष रूप से कार्य योजना बनाएं कमजोर बच्चों के लिए

यह बताया गया कि बच्चों को एलईडी के माध्यम से किस तरीके से पढ़ाया जाए और उसका उपयोग किस प्रकार किया जाए साथ ही बच्चों को डीजीलेप के जो वीडियो हैं, उन वीडियो से उनकी कॉपी तैयार करवाएं और जो कमजोर बच्चे हैं उन बच्चों के लिए विशेष रूप से कार्य योजना बनाएं। सभी विद्यालय 20 नवंबर तक अपनी कार्ययोजना जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करेंगे।

विद्यार्थियों की समस्याओं का निराकरण किया जाए समय पर

प्राचार्यों को निर्देश दिए गए कि प्रति सप्ताह अपने स्टाफ सदस्यों की बैठक लेकर उन्हें बच्चों की जो प्रगति है उससे उसकी जानकारी लें तथा शिक्षकों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करें ।बच्चे जितनी भी संख्या में स्कूल आ रहे हैं, उनसे बालकों का समिति पत्र लेकर उन्हें अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाए। उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए और उनको महत्वपूर्ण प्रश्न का अभ्यास भी कराया जाए। साथ ही आगामी समय में होने वाली अर्धवार्षिक परीक्षा के संबंध में भी निर्देश प्रदान किए गए। परीक्षा में कम समय बचा है, अतः आवश्यक कार्य योजना तैयार करें और अधिकतम पाठ्यक्रम को कवर करने का प्रयास करें। टेक्नोलॉजी का प्रयोग कैसे करें और अपने विद्यालय में शिक्षकों की अगर कमी है तो अपने व्हाट्सएप ग्रुप पर दूसरे विद्यालय के संबंधित विषय के शिक्षक को जोड़कर उन शालाओं के शिक्षकों से भी मदद ली जा सकती है।

जहां जरूरी हो वहां लगाई जाए सैनिटाइजर की दो मशीन

विद्यालय में सैनिटाइजर मशीन अनिवार्य रूप से लगाई जाए और जहां जरूरी हो वहां दो मशीन भी लगाई जाए आगामी जो अर्धवार्षिक परीक्षा है उसके को भलीभांति समझ कर बच्चों को उसके हिसाब से तैयारी करवाई जाए। इस अवसर पर पाठ्यक्रम आधारित चर्चा भी की गई कि पाठ्यक्रम को आगामी समय में किस तरीके से विभाजित किया जाए कि वह बच्चे वे प्रत्येक बच्चे के लिए अधिकतम लाभ की स्थिति में वह पाठ्यक्रम रहे।

यह थे मौजूद

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इस अवसर पर सहायक संचालक लक्ष्मण देवड़ा आरएमएस ए के एडीपीसी अशोक लोढा,उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुभाष कुमावत, ज्ञान पुंज समन्वयक जितेंद्र जोशी, गजेंद्र सिंह राठौर और आरसी मईडा विशेष रूप से उपस्थित थे।

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