बिहार में भाजपा का गढ़ बनाने वाला नेताओं को किया मंत्रिमंडल से दरकिनार : नीतीश मंत्रिमंडल की पहली बैठक आज पटना में, होगा विभागों का बंटवारा
हरमुद्दा
मंगलवार, 17 नवंबर। मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे को लेकर नीतीश मंत्रिमंडल की पहली बैठक मंगलवार को पटना में होगी। देखना यही है कि किस नेता को कौन सा मंत्रालय में मिलता है। बिहार में भाजपा का गढ़ बनाने वाले नेताओं को मंत्रिमंडल से दरकिनार कर दिया है।
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री के रूप में जनता दल यूनाइटेड सुप्रीमो नीतीश कुमार ने शपथ ली तो बतौर उपमुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के तारकिशाेर प्रसाद एवं रेणु देवी ने शपथ ली।
मुख्यमंत्री के साथ 14 अन्य मंत्रियों ने भी ली है शपथ
मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार के अलावा 14 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ लेने वाले मंत्रियों में बीजेपी के सात तथा जेडीयू के छह नाम शामिल रहे। इसके अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के एक-एक मंत्री ने भी शपथ ली।
विधानसभा अध्यक्ष का पद भी बीजेपी के खाते में
विधानसभा अध्यक्ष की बात है, यह पद भाजपा के खाते में गया। बीजेपी के नंद किशाेर यादव का स्पीकर बनाया जाना तय माना जा रहा है।
पहली पीढ़ी के नेताओं की छुट्टी, दिया बड़ा संदेश
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बिहार में पहली पीढ़ी के नेताओं की छुट्टी कर बड़ा संदेश दिया है। पार्टी ने बिहार भाजपा का गढ़ बनाने वाले तीन नेताओं को किनारे कर दिया। पिछली सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री रहे नंदकिशोर यादव, कृषि मंत्री रहे प्रेम कुमार और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रह चुके रामनारायण मंडल को नई सरकार में शामिल नहीं किया गया है। चारों नेताओं का नाम बिहार भाजपा के संस्थापक दिग्गजों में शुमार है। नीतीश सरकार में सहकारिता मंत्री रहे राजपूत समाज के राणा रणधीर सिंह की जगह आरा से विधायक चुने गए अमरेंद्र प्रताप सिंह को मंत्री बनाया गया है। 74 वर्षीय अमरेंद्र सिंह भाजपा के सबसे बुजुर्ग मंत्री हैं। मुजफ्फरपुर से मंत्री रहे सुरेश शर्मा की जगह जाले की विधायक जीवेश कुमार को पहली बार मंत्री बनाया गया है।