उत्तर भारत में बर्फबारी का असर : दीपोत्सव में राहत के बाद 18 नवंबर से सर्द मौसम फिर होगा शुरू

हरमुद्दा

मंगलवार, 17, नवंबर। वातावरण में नमी और बादलों की मौजूदगी के कारण न्यूनतम तापमान बढ़े हुए हैं, लेकिन 18 नवंबर से रात के तापमान में गिरावट होने का सिलसिला शुरू होगा। उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी के परिणाम स्वरूप दो-तीन दिन में रात का पारा तीन से चार डिग्री तक लुढ़कने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पाकिस्तान और उससे लगे उत्तर भारत के क्षेत्र में बने पश्चिम विक्षोभ के कारण हवाओं को रुख वर्तमान में पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है। इस वजह से बादल छा रहे हैं और कहीं-कहीं बरसात हो रही है।

भोपाल सहित मध्य प्रदेश के अधिकांश (ग्वालियर-चंबल संभाग को छोड़कर) क्षेत्रों में अधिकतम तापमान बढ़े हुए हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग में बरसात के कारण दिन के तापमान में काफी गिरावट हुई है, लेकिन बादल बने रहने के कारण रात के तापमान वहां भी बढ़े हुए हैं।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तरी पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू-कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। साथ ही दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरक चक्रवात बना हुआ है। इन दो सिस्टम की वजह से हवा का रुख पूर्वी और दक्षिण पूर्वी बना हुआ है। साथ ही अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी भी आ रही है। इससे बादल बन रहे हैं और रात के तापमान बढ़े हुए दर्ज किए जा रहे हैं। शुक्ला के मुताबिक मंगलवार को पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने की संभावना है। राजस्थान पर बना सिस्टम के भी मंगलवार को उत्तरप्रदेश की तरफ खिसकने के आसार हैं।

हवा का रुख होगा परिवर्तित 

इन दोनों सिस्टम का प्रभाव कम होने से मंगलवार रात से हवा का रुख परिवर्तित होने लगेगा। हालांकि हवा का रुख पूर्वी तो बना रहेगा और बादल भी बने रहेंगे, लेकिन बीच-बीच में उत्तरी हवा भी आने लगेगी। सर्द हवाओं का दखल बढ़ने से 18 नवंबर से रात के तापमान में गिरावट का सिलसिला शुरू होने लगेगा। इस दौरान न्यूनतम तापमान में सर्वाधिक गिरावट ग्वालियर-चंबल संभाग में दर्ज की जाएगी। पूर्वी मध्यप्रदेश में रात के तापमान में अपेक्षाकृत कम गिरावट होगी।

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