116 दिन में फैसला : मासूम से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाई मृत्यु दंड की सजा

🔲 विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई सजा

🔲 एक अन्य आरोपी को सश्रम कारावास की सजा

हरमुद्दा
गुना, 20 नवंबर। मासूम से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले आरोपी को न्यायालय ने मृत्यु दंड की सजा सुनाई। एक अन्य साथी को भी सजा सुनाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए निरंतर 116 दिनों तक सुनवाई की गई।
मामले में संचालक लोक अभियोजन म. प्र. भोपाल विजय यादव भा. पु. से. एवं संयुक्त संचालक एल.एस. कदम द्वारा सतत निगरानी एवं वी.सी. से समीक्षा की जा रही थी। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल ने विशेष जांच दल गठित किया।

मीडिया प्रभारी ने हरमुद्दा को बताया कि मामले की जानकारी 17 मई 20 को थाना अमरवाडा में प्राप्त हुई।एक छोटी बच्ची खेलते समय कही गुम हो गई है। पुलिस द्वारा घटना स्थल जाकर जांच उपरात अपराध पंजीबद्ध किया गया। गुमशुदा की तलाश शुरू की गई।

प्रकरण की गंभीरता पर एसपी ने बनाया विशेष जांच दल

प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। मामले की शीघ्र एक प्रभावी कार्रवाई के लिए विशेष जाँच दाल ( एसआईटी ) का गठन भी किया। घटना की जानकारी देने वालों के लिए 10 हजार रुपए के पुरस्कार की घोषणा भी पुलिस अधीक्षक के द्वारा की गई थी।

संदेह पर हुई पूछताछ तो कबूला जुर्म

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मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा द्वारा अन्वेषण प्रारम्भ किया गया था। विवेचना के दौरान लगातार पूछताछ में पुलिस को पता चला कि घटना दिनांक और समय को बालिका के पड़ोस में रहने वाला रितेश उर्फ रोशन धुर्वे और धनपान उईके अपने घर पर नहीं थे। संदेह के आधार पर रितेश उर्फ रोशन धुर्वे से पूछताछ की गई जिसने घटना कारित करना स्वीकार किया।

और फेंक दिया बालिका का शव

आरोपियों ने बताया कि घटना दिनांक को मृतक बालिका को घर के सामने खेलते समय 10 रुपए का नोट दिखाकर अपने पास बुलाया। बकरी बाँधने के कोठे में ले जाकर मृतका का मुंह चुन्नी से बांधकर बलात्कार किया। जिससे बालिका की मौत हो गई, जिसे धनपाल के साथ मिलकर मृतिका के शव को बोरी में भरकर मोटर साईकिल MP28MH 3176 में छोटा तालाब के पास माई के चबूतरा के पास माधा गोरा डेम में फेक दिया।

न्यायालय में पेश किया गया अभियोग पत्र

आरोपी के बताए अनुसार मृतक बालिका का शव प्राप्त किया। साक्ष्य एकत्रित कर विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।

31 साक्षियों का हुआ परीक्षण

विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा 31 साक्षियों का न्यायालय के समक्ष परीक्षण कराया गया। मामले में उच्च न्यायालय के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान विषम परिस्थितियों में न्यायालय द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए निरंतर 116 दिनों तक सुनवाई की गई।

न्यायाधीश ने सुनाया फैसला शुक्रवार को

अभिलेख पर आए साक्ष्य एवं विभिन्न न्यायिक दृष्टांत को न्यायालय के समक्ष पेश कर आरोपियों को मृत्यु दंड से दंडित करने का निवेदन किया गया। 17 नवंबर 20 को न्यायालय द्वारा आरोपियो को दोषी पाते हुए फैसला देने की तारीख 19 नवंबर के लिए नियत की। जिस पर न्यायाधीश ने सजा सुनाई।

यह सुनाई सजा दोनों आरोपियों को

विशेष न्यायालय ( पॉक्सो एक्ट ) अमरवारा ( छिंदवाड़ा ) द्वारा प्रकरण क्र 54/20 थाना अमरवाडा के अपराध क्रमांक 480/20 के आरोपियों को दोषी पाते हुए आरोपी रितेश उर्फ रोशन धुर्वे उम्र 22 वर्ष को धारा 366 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपए का अर्थदड, धारा 201 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपए का अर्थदड , धारा 302 में मृत्युदर की सजा एवं 500 रुपए के अर्थदड से दंडित किया। लैंगिक अपराधों से बालको के सरक्षण अधिनियम की धारा 5 (m), 5 में मृत्युदर की सजा से दंडित किया गया है। आरोपी धनपान उईके को धारा 201 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000 रुपए तथा लैंगिक अपराधो से बालको के सरक्षण अधिनियम की धारा 16,17 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000 रुपए के अर्थदड से दंडित किया गया।

इन्होंने की सशक्त पैरवी

मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजन अधिकारी समीर कुमार पाठक , संजय शकर पाल, दिनेश कुमार उईके, लोकेश कुमार घोरमारे के द्वारा सशक्त पैरवी की।

मामले की कर रहे थे समीक्षा और सतत निगरानी

मामले में संचालक लोक अभियोजन म. प्र. भोपाल विजय यादव भा. पु. से. एवं संयुक्त संचालक एल.एस. कदम द्वारा सतत निगरानी एवं वी.सी. से समीक्षा की जा रही थी।

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