कोरोना में जिम्मेदारों को कोई लेना-देना नहीं आम जनता की सेहत से : हैंड वॉश के लिए बाजार में तैनात लाखों की टंकियां बहा रही दुर्दशा पर आंसू, बिना मास्क के चल समारोह में लोग कर रहे हैं डांस धांसू
🔲 अनलॉक के बाद से सरकारी दफ्तरों और बाजारों की टंकियों की नहीं ली कोई सुध
🔲 पुलिस चौकी के सामने से निकल रहे बिना मास्क वाले लोगों के जुलूस
🔲 जिम्मेदारों की जिम्मेदारी सिर्फ बिना मास्क के वालों के चालान बनाने तक सीमित
हेमंत भट्ट
रतलाम, 24 नवंबर। कोरोना वायरस का संक्रमण इन दिनों तेजी से फैल रहा है बावजूद इसके जनता की सेहत से जिम्मेदार लोगों को कोई लेना देना नहीं है। हैंड वॉश के लिए लगाई गई बाजारों में पानी की टंकियां अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। वही पुलिस चौकी के सामने से बिना मास्क लगाए जुलूस निकाले जा रहे हैं और शामिल लोगों द्वारा धांसू डांस किए जा रहे हैं।
मुद्दे की बात यह है कि एक सप्ताह से कोरोना वायरस अपनी सीमाएं लांघ संक्रमण का दायरा बढ़ा रहा है। पहले जहां 10, 15, 20 लोग संक्रमित आते थे, वहीं 1 सप्ताह में 425 महिला, पुरुष व बच्चे संक्रमण के शिकार हो गए हैं। 500 लोग अभी भी उपचार करवा रहे हैं और 64 लोग अपनी जान गवां बैठे हैं।
अनलॉक की मनमानी में भूले अपनी जान को भी
अनलॉक शुरू होने के बाद से ही जिम्मेदार जिला प्रशासन और नियमों का पालन करने वाले नियमों को ताक पर रखकर चैन की बंसी बजा रहे हैं। कोरोना काल के लॉकडाउन के दौरान हैंड वॉश के लिए शहर के दो बत्ती, माणक चौक सहित अन्य बाजारों में पानी की टंकी रखी गई थी। पेडल वाली टंकियों के आसपास दो पैदल लगाए गए थे जिन्हें पैर से दबाने पर लिक्विड वाला साबुन निकलता था और दूसरे पेडल को पेड़ से दबाने पर टंकी से पानी मिलता था और हैंड वास होते थे। ऐसी सुविधा वाली टंकी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। यह केवल बाजारों में ही नहीं अपितु नगर निगम और जिला पंचायत में भी यही हाल है।
जब लोग लॉक डाउन में थे तब थी सुविधा, अनलॉक में नहीं
जिला पंचायत
गणेश देवरी
दो बत्ती घोड़ा चौराहा
नगर निगम परिसर
जब बाजारों में लोगों का निकलना कम था। तब हैंड वाश की सुविधाएं थी। अब जब अनलॉक के दौर में सभी भीड़ निकल रही है। तब यह सुविधाएं दिखावटी बनकर रह गई है। इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिम्मेदार नगर निगम आयुक्त, नगर निगम प्रशासक, कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ये सभी अपनी जिम्मेदारी को भूल चुके हैं। कई टंकियों के यहां पर तो टोटी ही नहीं है। पानी कहां जाएगा, वह पाइप भी गायब है। बेसिन में चाय के कप पड़े हुए हैं। टंकियों में ना तो पानी है, टोटी है। तो फिर लिक्विड साबुन की आस करना तो बेमानी ही साबित होगा। पर यह बात तय है कि इस मद से अब तक राशि खर्च की जा रही होगी।
बजेगी विवाह की शहनाई जिम्मेदारों को गलती नजर नहीं आई
25 नवंबर देवउठनी एकादशी से ही वैवाहिक आयोजन की शुरुआत हो जाएगी। गणेश पूजन सहित माताजी पूजन के लिए सड़कों पर चल समारोह निकलने लगे हैं। मंगलवार को हॉट रोड चौकी के सामने से दो चल समारोह निकले। जिसमें अधिकांश लोगों ने मास्क नहीं लगा रखे थे। कई जगह उनके स्वागत समारोह भी हुए। पूरी सड़क जाम थी। डांस किए जा रहे थे। मगर उन्हें रोकने वाला, टोकने वाला कोई नहीं था जबकि प्रशासनिक वाहन भी उधर से निकले। पुलिस चौकी के सामने से निकलने के बावजूद ऐसे चल समारोह पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्या कारण है यह तो जिम्मेदार ही जाने, लेकिन इनकी जिम्मेदारी बस इतनी है कि जो वाहन चला रहे हैं और मास्क नहीं है तो राशि वसूली जाए। दुकानदार क्या कर रहे हैं, बिना मास्क के चल समारोह लोग शामिल हो रहे हैं। यह नजर नहीं आ रहा है।
तो फिर कैसे रुकेगा संक्रमण
जिम्मेदार शहर के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहा है और आमजन भी अपनी मनमानी पर उतारू हैं। तो फिर कोरोना वायरस का बढ़ता संक्रमण कैसे रुकेगा? जब कोई अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करेगा। सभी संक्रमण को बढ़ाने में अपना पूरा पूरा योगदान दे रहे हैं। ताकि यदि सम्मान मिले तो उनका नाम छूट न जाए।
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🔲 नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झरिया से भी हैंड वॉश के लिए लगाई गई टंकियों की दुर्दशा के संबंध में जानकारी चाही गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
संबंधित से ली जाएगी जानकारी
शहर में अन्य स्थानों पर देवास के लिए की गई व्यवस्था पर माकूल व्यवस्था क्यों नहीं हैं, इस संबंध में नगर निगम आयुक्त और जिला पंचायत सीईओ से जानकारी ली जाएगी। कलेक्ट्रेट में हैंडवाश और सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था है।
🔲 गोपालचंद्र डांड, कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक, रतलाम