चयनित आंगनवाड़ियों में बच्चों के कुपोषण की स्थिति का लिया जायजा
🔲 आंगनवाड़ी केंद्रों पर किए गए कार्यों की समीक्षा
🔲 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए सबक
हरमुद्दा
पिपलौदा/ रतलाम, 24 नवंबर। क्षेत्र की चयनित आंगनवाड़ियों में बच्चों के कुपोषण की स्थिति की समीक्षा बैठक परियोजना कार्यालय में की गई। इसमें जिला परियोजना की सहायक संचालक अंकिता पंड्या ने 8 सेक्टर की 30 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से जानकारी के आधार पर समीक्षा की। बैठक में जानकारी दी कि प्रदेश स्तर पर 21 दिवसीय कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम चलाया जा रहा है, इसमें कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनकी ऑनलाइन इंट्री की जाएगी तथा एप्प के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी।
संपर्क एप्प के माध्यम से बच्चों के वजन, ऊँचाई तथा पोषण की स्थिति देखी जाएगी तथा साप्ताहिक सुधार की स्थिति की मॉनिटरिंग की जाएगी। चयनित बच्चों को कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम के तहत मालिश का तेल तथा दूध में खीर की तरह बने पोषक चूर्ण को पिलाया जाएगा।
एप्प से दी गई जानकारी
इस संबंध में मास्टर ट्रेनर प्रफुल्ल भट्ट ने एप्प की कार्यप्रणाली की ऑनलाइन जानकारी प्रदान की। बैठक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर हितधारक गर्भवती महिलाओं को योजना का लाभ प्रदान करना सुनिश्चित किया गया। लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत वंचित बालिकाओं के दस्तावेज पूर्ण कर उनको निर्धारित लाभ प्रदान करने की जानकारी प्रदान की गई।
कुपोषित बच्चों के लिए किया जा रहा है नवाचार : लोढ़ा
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियेाजना अधिकारी विनिता लोढ़ा ने बताया कि जिले में नवाचार किया जा रहा है। इसके प्रथम चरण में आंगनवाडी पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। 20 नवंबर से जिलेभर में अतिगंभीर कुपोषित बच्चों की संरक्षा तथा सुधार का कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इसमें चयनित कुपोषित बच्चों को उनकी आयु तथा वजन के अनुपात में क्षीरपाक विधि से निर्मित सुपुष्टि चूर्ण की खीर तथा शिरबाला तेल की मालिश की जाएगी। इसमें 21 दिन बाद परीक्षण किया जाएगा तथा बच्चों को निर्धारित वजन तथा पोषण के स्तर पर लाने की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
लगातार की जा रही है कुपोषित बच्चों की पहचान : तिवारी
पर्यवेक्षक कंचन तिवारी ने बताया कि तहसील तथा नगरीय क्षेत्र की आंगनवाड़ियों में कुपोषण प्रबंधन अभियान के तहत बच्चों की पहचान का कार्य निरंतर किया जा रहा है तथा संपर्क एप्प के माध्यम से उनकी प्रविष्टि कर प्रति सप्ताह जानकारी ली जाएगी। इसमें बच्चों की प्रगति स्तर जांच कर उनके माध्यम से आयुष विभाग की गाइड लाइन के अनुसार कार्य किया जाएगा।
यह थे मौजूद
बैठक में परियेाजना समन्वयक प्रेमलता माकल, पर्यवेक्षक प्रेरणा चौहान, सुनीता नरेश, भावना ओरीवाल, भारती सोनी आदि ने उपस्थित रह कर सेक्टरवार जानकारी से अवगत करवाया। कोविड19 को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मास्क अनिवार्य लगाने की सलाह दी गई।