मामला कोरोना संक्रमित शव इन्दौर से रतलाम आने का : तब से शहर में बढ़ने लगा था संक्रमण, जनहित याचिका में पुलिस ने कहा- हमारी कोई गलती नहीं

🔲 रतलाम पुलिस ने हाईकोर्ट में पेश किया जवाब कहा रतलाम पुलिस की गलती नहीं

🔲 एम.वाय. हॉस्पिटल इन्दौर, इन्दौर प्रशासन एवं रतलाम प्रशासन की ओर से कोई जवाब प्रस्तुत नहीं

हरमुद्दा
रतलाम, 25 नवंबर। देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान ​ 04 अप्रैल 2020 को मोहम्मद कादरी निवासी इन्दौर की मृत्यु एम-वाय अस्पताल इन्दौर में कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर आए लक्षणों के प्रभाव से हुई थी। कादरी का शव रतलाम लाकर दफना दिया गया था। जनहित याचिका के संबंध में रतलाम पुलिस ने जवाब दिया है कि इस प्रकरण में रतलाम पुलिस ने कोई गलती नहीं। फिलहाल एम.वाय. हॉस्पिटल इन्दौर, इन्दौर प्रशासन एवं रतलाम प्रशासन की ओर से कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया हैं।

हाई कोर्ट अधिवक्ता गौरव पांचाल ने हरमुद्दा को बताया कि इंदौर में कादरी का कोविड – 19 संक्रमण होने की पुष्टि के संबंध मे अस्पताल में सेंपल भी ​​लिए गए थे, परंतु जांच रिपोर्ट आने से पूर्व ही मरीज की मृत्यु हो गई थी, उक्त व्यक्ति पिछले 1 वर्ष से इंदौर में ही निवासरत था, परंतु मृतक का शव परिवारजनो द्वारा अंतिम संस्कार के लिए रतलाम लाया गया।

मूलतः रतलाम निवासी था कादरी

मृतक कादरी रतलाम का मूल निवासी था उसके कोविड – 19 संक्रमित होने पर एम.वाय. अस्पताल भर्ती होने, उसके कोविड टेस्ट के लिए सेंपल कलेक्ट करने व इलाज के दौरान मृत्यु होने की कोई भी अधिकारिक सूचना जिला प्रशासन इंदौर या एम वाय अस्पताल द्वारा ​जिला रतलाम प्रशासन से साझा नहीं की गई।

तब की एफ आई आर रतलाम पुलिस ने

न ही मृतक की कोविड—19 पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आने पर भी जिला प्रशासन इंदौर या एम वाय अस्पताल द्वारा जिला रतलाम प्रशासन से साझा नहीं की गई। सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने पर रतलाम पुलिस द्वारा कादरी के रिश्तेदारों पर एफआईआर की गई।

और उसके बाद रतलाम में संक्रमितों की संख्या बढ़ी

उल्लेखनीय है कि 4 अप्रैल से पूर्व रतलाम श्हर में एक भी कोरोना का एक भी पॉजिटिव प्रकरण नहीं था परन्तु उक्त सं​​क्रमित शव इन्दौर से रतलाम पहुंचने के बाद रतलाम शहर में कोरोना से पांजिटिव व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि होने लगी।

लगाई जनहित याचिका

जिसके बाद रतलाम निवासी विस्म​य चत्तर ने हाईकोर्ट एडवोकेट गौरव पांचाल के माध्यम से एक जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जिसमें एम.वाय. हॉस्पिटल, इन्दौर पुलिस एवं प्रशासन एवं रतलाम पुलिस एवं प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने का निवेदन किया। जिस पर 24 नवंबर 2020 को रतलाम पुलिस की ओर से जवाब पेश कर होईकोर्ट में कहा है कि उक्त प्रकरण में रतलाम पुलिस की कोई गलती नहीं हैं। उक्त याचिका में अभी एम.वाय. हॉस्पिटल इन्दौर, इन्दौर प्रशासन एवं रतलाम प्रशासन की ओर से कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया हैं।

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