कोरोना की गाइड लाइन के साथ जोश ओ खरोश के साथ मना 551 गुरु का प्रकाश पर्व
🔲 सत्संग कीर्तन के साथ हुई प्रसादी
हरमुद्दा
रतलाम, 30 नवंबर। सिंधी एवं सिक्ख समाज के आराध्य भगवान श्री गुरुनानक जी का प्रकाश पर्व रतलाम में परंपरागत हर्षोल्लास माहौल में मनाया गया। कोरोना के फैसले के मद्देनजर हालांकि शहर में सिन्धी समाज की प्रभातफेरी व चल समारोह इस बार भी नहीं निकाला गया, पिछले साल भी राममंदिर के फैसले के कारण चल समारोह स्थगित हुआ था लेकिन सभी गुरुद्वारों की लाईटिंग, रौनक एवं उत्साह में कमी नही थी, प्रातः से ही धार्मिक कार्यक्रम का सिलसिला प्रारम्भ हुआ।
श्री सिन्धी समाज के मीडिया प्रभारी मुकेश नैनानी ने हरमुद्दा को बताया इस वर्ष गुरु का 551 वां प्रकाशोत्सव पर्व था जिसको लेकर पिछले कई दिनों से गुरु के धार्मिक कार्यक्रम एवं सहज व अखंड पाठ प्रारंभ हो गए थे । सिंधी समाज में भी गुरु पर्व को लेकर खासा उत्साह था, हालांकि इस वर्ष कोरोना के कारण रतलाम में भी प्रभातफेरी लंगर व चल समारोह नहीं निकाला गया जिसको लेकर थोड़ी मायूसी जरूर थी लेकिन फिर भी गुरुद्वारे की सजावट, सत्संग कीर्तन, नृत्य, को लेकर खासा उत्साह था, न्यूरोड़ स्थित सिन्धी गुरुद्वारे में गुरु के दीवान को ड्राई फ्रूटस से विशेष तौर पर सजाया गया था । संपूर्ण गुरुद्वारे में लाइटिंग की गई थी प्रातः से ही भजन-कीर्तन का दौर प्रारंभ हुआ जो कि देर रात तक चलता रहा। अल सुबह 5 बजे से सुखमनी साहिब का पाठ उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा किया गया तत्पश्चात स्थानीय मंडली ने भजन-कीर्तन किए। गुरु पर रुमाल मंदिर के अध्यक्ष भजनलाल परमानी, उपाध्यक्ष मन्नुु शिवानी, कोषाध्यक्ष लालचंद भम्भानी, सह सचिव आनंद कृष्णानी, मीडिया प्रभारी मुकेश नैनानीे सहित अन्य ने चढ़ाया । गुरुद्वारे पर रंगोली नेचलदास जेठवानी परिवार द्वारा बनाई गई। पाठ के सेवा विष्णु मोदी परिवार द्वारा की गई । आरती अरदास के बाद गुरु को मावे के केक का भोग लगाया गया।
इनका किया गया सम्मान
इस अवसर पर गुरु का पाठ पड़ने वाली महिला समिति की संगीता शिवानी, दीपा भंबानी, सोनी कुकरेजा, वर्षा बुद्धानी, कुमकुम मोतियानी, नम्रता पंजवानी सहित अन्य का सम्मान किया गया। गुरुद्वारे में रात्रि 9.15 बजे से गुरु के जन्म की धूम रही । गुरु जन्म का झूला सुंदर मीना केवलरमानी व सुखराम नोतानी ने सजाया, तत्पश्चात भजन कीर्तन हुवे गुरु जन्म पर समाजजन खूब नाचे । इस अवसर पर बच्चों द्वारा आतिशबाजी भी की गई । हालांकि प्रतिवर्ष गुरु का जन्म रात्रि 12 बजे बाद मनाया जाता हैं लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण कार्यक्रम में फेरबदल किया गया । वही बिरियाखेड़ी स्थित सिन्धी गुरुद्वारे में भी प्रातः महिला समिति की दीपा धनवानी, कविता नैनानी, काजल लालवानी, डिंपल भाग्यवानी, नैना, प्रिया, किरन दीपा करमचंदानी, काजल धनवानी, उषा कोटवानी आदि द्वारा संगीतमय सुखमनी का पाठ किया गया, शाम को फूलों से सजावट व रंगोली बनाई गई । रात्रि 7 से 9 बजे तक भजन कीर्तन अरदास के बाद गुरु का जन्मोत्सव मनाकर प्रसादी वितरित की गई।