जब मराठी भाषी मनोरोगी 600 किलो मीटर दूर चल कर आदिवासी अंचल पहुंचा, समाजसेवी काकानी की मदद से लेने आए बेटों भर आई खुशी में आंखें

हरमुद्दा
रतलाम,1 दिसंबर। मनोरोगी मराठी भाषी चिरकुट पूना जी पराड़कर उम्र 60 वर्ष निवासी ग्राम हिवरा सेनाडवार तहसील पांढुर्णा जिला छिंदवाड़ा ,(मध्य प्रदेश) 12 दिन पूर्व घर से निकल कर लगभग 600 किलोमीटर दूर रतलाम जिले केआदिवासी अंचल के दूर दराज गांव में पहुंच गए। जहां से समाजसेवियों ने उन्हें शिवगढ़ थाना भिजवा दिया।IMG_20201026_114645

शिवगढ़ थाने के प्रधान आरक्षक अनिरुद्ध सिंह ने जवान के साथ समाजसेवी काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी के बताए अनुसार चिरकुट जी को जिला चिकित्सालय भिजवा दिया। जिला चिकित्सालय पहुंचने पर उसे अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में भर्ती करा कर उपचार शुरू कर दिया। मराठी भाषा में जानकारी एकत्रकर काकानी द्वारा उसके घर वालों को संपर्क कर रतलाम होने की सूचना दी। उनके सुपुत्र कैलाश एवं राजेश ग्राम सरपंच विजय, संतोष निहारे को वाहन में लेकर तत्काल रतलाम के लिए रवाना हो गए।

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पिता के कुशलता सूचना मिलते ही खुशियां छाई

दोपहर रतलाम पहुंचने पर अपने पिता को सकुशल देख उनकी आंखें भर आई। परिवार जन ने जानकारी में बताया कि चिरकुट जी का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है एवं मनोरोगी होने के कारण उनका इलाज नागपुर में चल रहा है। वे घर से बिना बताए निकल गए पूरा परिवार चिंतित था। उनके सकुशल होने की जानकारी प्राप्त होते ही हमारे घर में खुशियां छा गई है।

एसपी तिवारी की टीम ने भी किया सहयोग

उन्होंने पूर्व में छिंदवाड़ा रहे पुलिस कप्तान एसपी गौरव तिवारी एवं उनकी पूरी टीम काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन एवं अस्पताल प्रशासन का ह्रदय से धन्यवाद दिया। चिरकुट पुना जी को अस्पताल की ओर से 10 दिन की दवा भी साथ में दी गई है।

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