वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सहयोगिनी मातृ समिति का होगा पुनर्गठन -

आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सहयोगिनी मातृ समिति का होगा पुनर्गठन

1 min read

हरमुद्दा

भोपाल, 7 दिसंबर। आँगनवाड़ी सेवा योजना के तहत संचालित कार्यक्रमों में सेवा उपयोगकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी से योजनाओं/गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन के बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते है। पूर्व में ग्राम स्तर पर संचालित कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘सहयोगिनी मातृ समिति’ का गठन किया गया था। वर्तमान में मैदानी स्तर की परिस्थितियों, योजनाओं के स्वरूप में परिवर्तन को देखते हुए आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सहयोगिनी मातृ समिति का पुनर्गठन किया जा रहा है।

संचालक महिला बाल विकास स्वाती मीणा नायक ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत आँगनवाड़ी केन्द्र की गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिए ‘सतर्कता समिति एवं सोशल ऑडिट व्यवस्था प्रावधानित है। मातृ सहयोगी समिति इस प्रयोजन के लिए ‘सतर्कता समिति’ के रूप में कार्य करेगी।

समिति का स्वरूप

स्वाति मीणा नायक ने बताया कि प्रत्येक आँगनवाड़ी केन्द्र पर दस सदस्यीय एक मातृ सहयोगिनी समिति होगी। जिसका चयन वार्ड, ग्राम, टोले, मजरे, फलिये आदि के चयनित सदस्यों की उप-समिति में से किया जायेगा। आँगनवाड़ी के हितग्राही (गर्भवती एवं धात्री) अथवा बच्चों के परिवार की महिला सदस्य को नामांकित किया जायेगा। गाँव के पंच (प्राथमिकता महिला पंच) वार्ड की पार्षद, ऐसी सक्रिय महिला जो स्वेच्छा से अपनी सहयोग देगी, ग्राम/शहरी क्षेत्र की संबंधित शालाओं के शिक्षक, वार्ड स्तरीय अन्य विभागीय समितियों की महिला सदस्य, स्व-सहायता समूह की महिला अध्यक्ष को तीन वर्ष की अवधि के लिए नामांकित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त जन्म से 6 वर्ष आयु तक के बच्चों की माता को एक वर्ष के लिए समिति से जोड़ा जायेगा। साथ ही किशोरी बालिका (11 से 17 वर्ष) की माता और 19 से 45 आयु वर्ग की महिलाओं को भी एक वर्ष की अवधि के लिए समिति में नामांकित किया जायेगा।

सेक्टर पर्यवेक्षक होंगे प्राधिकृत अधिकारी

सहयोगिनी मातृ समिति/ उप समिति के सदस्यों के चयन के लिए संबंधित क्षेत्र की सेक्टर पर्यवेक्षक प्राधिकृत अधिकारी होंगे। समिति का गठन कर पर्यवेक्षक द्वारा इसकी सूचना बाल विकास अधिकारी को दी जाएगी। बाल विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं संभागीय संयुक्त संचालक अपने कार्य क्षेत्रों में समिति गठन कार्यवाही के उत्तरदायी होंगे।

उप समिति का स्वरूप

वार्ड/मोहल्ला, टोले/ मजरे/ फलिया स्तर पर उप समिति गठित की जायेगी। चयनित सदस्यों में से एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में चयनित किया जायेगा। समिति के सदस्यों का कार्यकाल एक वर्ष का रहेगा। संचालक श्रीमती नायक ने बताया कि आँगनवाड़ी सेवा अन्तर्गत प्रदाय किए जाने वाले पूरक पोषण आहार की निगरानी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार यह समिति सतर्कता समिति के रूप में कार्य करेगी। सतर्कता समिति द्वारा पूरक पोषण आहार, टेक होम राशन, स्व-सहायता समूह द्वारा प्रदाय कि जाने वाली नाश्ता, भोजन एवं कुपोषित बच्चों के लिए थर्ड मील की निरंतरता और गुणवत्ता की निगरानी एवं सुझाव और मार्गदर्शन का कार्य सम्पादित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त समिति टीकाकरण एवं स्वास्थ्य जाँच, समुदाय आधारित गतिविधियों के आयोजन में सहयोग, कुपोषित/गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल एवं पोषण स्तर की निगरानी का कार्य करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *