धर्म संस्कृति अध्यात्म : सनातन धर्म के जयकारों के साथ त्रिवेणी तट पर 67 वें महारुद्र यज्ञ की शुरुआत
🔲 स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज ने फ़हराई सनातन धर्म की ध्वजा
🔲 अग्नि नारायण के जयकारों के साथ हुआ कुंड में अग्नि प्रवेश
🔲 परम पूज्य डोंगरे महाराज की स्मृति में 38 वें अन्न उत्सव का शुभारंभ
🔲 67 वें महारुद्र यज्ञ की शुरुआत पर स्वामी जी का किया 67 धर्मालुओं ने स्वागत
हरमुद्दा
रतलाम, 4 जनवरी। विश्व कल्याण की भावना के साथ त्रिवेणी तट पर 67 वें महारुद्र यज्ञ की शुरुआत यज्ञ नारायण और सनातन धर्म के जयकारों के साथ हुई।खाचरौद नागदा रोड बगलामुखी पीठ के स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज ने सनातन धर्म की ध्वजा पूजन कर गहराई। तत्पश्चात अग्नि प्रवेश के साथ 67 वें रुद्र यज्ञ की शुरुआत की। स्वामी जी ने परम पूज्य डोंगरे महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर श्री बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित अन्न क्षेत्र के तहत दरिद्रनारायण को भोजन परोसकर 38 वें आयोजन की शुरुआत की। 67 वें महारुद्र यज्ञ के शुभारंभ अवसर पर स्वामी जी का 67 धर्मालुओं ने स्वागत कर आशीर्वाद लिया।
यज्ञाचार्य पं. दुर्गाशंकर ओझा व 21 भूदेवों के सान्निध्य में मुख्य यजमान किशनलाल पिता सहज राम सोनी एवं धर्मपत्नी कौशल्या सोनी के पुत्र कुंदन-वीणा सोनी दंपत्ति ने स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज के साथ ध्वज वंदन तथा हवन कुंड में अग्नि प्रवेश किया। इस दौरान धर्म क्षेत्र परिसर हर-हर महादेव और सनातन धर्म की जय हो के जयकारों से गूंज उठा।
67 वें महारुद्र के शुभारंभ पर 67 धर्मालुओं ने किया स्वामीजी का स्वागत
67 वें महारुद्र यज्ञ की शुरुआत करने के पश्चात धर्मालुओं को संबोधित करने से पहले धर्मसभा में स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज का स्वागत कर 67 धर्मालुओं ने आशीर्वाद लिया। श्री सनातन धर्म सभा एवं महारुद्र यज्ञ समिति के अध्यक्ष कन्हैयालाल मौर्य, रमेश व्यास, लालचंद टांक, गोपाल सोनी, ब्रजेंद्रनंदन मेहता, पुष्पेंद्र जोशी, बालूलाल त्रिपाठी, डॉ. राजेंद्र शर्मा, प्रेम उपाध्याय, मनोहर पोरवाल, राजेश दवे, मनोज शर्मा, नारायण राठौर, दिनेश दवे, सत्यनारायण पालीवाल, गोविंद लाल राठी, रामचंद्र पंड्या, सूरजमल टाक, पंडित दुर्गाशंकर ओझा, यज्ञ के मुख्य यजमान के पुत्र कुंदन सोनी, वीणा सोनी, नत्थूमल सोनी, हेमंत सोनी, हर सहाय शर्मा, बंसीलाल शर्मा, गोपाल घुंघरूवाल, चेतन शर्मा, पुरुषोत्तम पटेल, महेश बाहेती, नीलेश उपाध्याय, नवनीत सोनी, कपूर सोनी, बजरंगलाल पुरोहित, बद्रीलाल परिहार, देवशंकर पांडे, विशाल शर्मा, मुन्नालाल शर्मा, अनिल झालानी, सोहनलाल व्यास, मोहन मुरलीवाला, राजू हॉकी, योगेश दगडी, सतीश जाट, सत्यदीप भट्ट, मोहनलाल धबाई, धर्मेंद्र अग्रवाल, धन्नालाल पाटीदार, बसंत पंड्या, प्रेस फोटोग्राफर राकेश पोरवाल, मोहनलाल, महिला मण्डल संरक्षक तारा देवी सोनी, अध्यक्ष राखी व्यास, आशा शर्मा, आशारानी उपाध्याय, हंसा व्यास, रजनी व्यास, जया सोमानी, वंदना पोरवाल, निर्मला बराडिया, माया सोनी, पदमा उपाध्याय, पूजा कड़ेल, माया सोलंकी, प्रेमलता देवड़ा, चेतना सोनी, अलका पापटवाल, किरण सोनी, ललिता सोनी सहित अन्य ने स्वामी जी पुष्पमाला से स्वागत कर आशीर्वाद लिया।
सभी धर्मों का मूल है सनातन धर्म
स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा सनातन धर्म अनादि काल से चला आ रहा है। सभी धर्म का मूल सनातन धर्म ही है। इसके पश्चात ही अन्य धर्म की उत्पत्ति हुई है। रूद्र याग से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। मृत्युंजय की आराधना कल्याणकारी है। धर्म के अनुकूल जीवन जीना चाहिए। सनातन धर्म में जन कल्याण के लिए चिंतन है। वैश्विक कल्याण की बात होती है। धर्मसभा को विशेष अतिथि अनिल झालानी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कन्हैयालाल मौर्य ने भी संबोधित किया। मंच पर स्वामी सुरेशानंद जी भी मौजूद थे।
समापन पर स्वामी जी का समिति द्वारा शाल श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया गया। संचालन ब्रजेंद्रनंदन मेहता ने किया। आभार पुष्पेंद्र जोशी ने माना।
6 साल बाद आया नाम मुख्य यजमान का, पुत्र और पुत्रवधू को हवन करने का मिला सौभाग्य
उल्लेखनीय है कि श्री महारुद्र यज्ञ में मुख्य यजमान के लिए लाटरी पद्धति से नाम निकाला जाता है। इसी तारतम्य में 66 वें महारुद्र यज्ञ के अवसर पर ही 67 वें महारुद्र यज्ञ के मुख्य यजमान के रूप में धर्मनिष्ठ सराफा व्यापारी किशनलाल पिता सहजराम सोनी व पत्नी कौशल्या सोनी के नाम की घोषणा की गई थी। घुटने की समस्या के चलते उनके पुत्र कुंदन और पुत्रवधू वीणा को यजमान बनने का सौभाग्य मिला है। भाई नत्थूमल व हेमन्त सोनी ने हरमुद्दा को बताया कि बड़े भाई किशनलाल सोनी 6 सालों से महारुद्र यज्ञ में यजमान बनने की अभिलाषा में चिट्ठी डालते आए हैं। तब जाकर नंबर आया, लेकिन घुटनों की समस्या के चलते मुख्य यजमान नहीं बन सके। भतीजा और भतीजा बहू मुख्य यजमान बने हैं। हमारा पांच भाइयों का परिवार है जिनमें रमेश चंद, चिमनलाल, मोहनलाल सोनी है। पांचो परिवार में 70 लोग हैं। महारुद्र यज्ञ में मुख्य यजमान बनने का अवसर मिलने पर परिवार में उल्लास एवं उमंग का वातावरण है।
भोजन परोस कर की 38 वें उत्सव की शुरुआत
धर्म सभा के पश्चात स्वामी जी ने परम पूज्य डोंगरे जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर आरती की। तत्पश्चात। श्री डोंगरेजी महाराज की स्मृति में श्री बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित अन्न क्षेत्र के 38 वें उत्सव की शुरुआत अभ्यागतों को भोजन परोस कर की। डॉ. राजेंद्र शर्मा ने बताया कि गत 37 वर्षों से अन्य क्षेत्र का संचालन प्रतिदिन किया जा रहा है जिसमें भोजन के पहले अभ्यागतों द्वारा भजन कीर्तन किया जाता है।
फोटो : राकेश पोरवाल