वैक्सीनेशन आयोजन में जिम्मेदारों की नजर आई लापरवाही, संवाद हीनता में पूर्व मंत्री सहित जनप्रतिनिधियों को करना पड़ा इंतजार
🔲 ना तो पूजन कर पाए पूरी और न ही बना पाए नाश्ता
हरमुद्दा
रतलाम, 16 जनवरी। मेडिकल कॉलेज में शनिवार को कोरोना वैक्सीन का डोज लगाने के लिए समय सुबह 9:30 बजे का था। जनप्रतिनिधियों को दिए गए निमंत्रण पत्र में भी यही उल्लेख था लेकिन आयोजन के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते संवाद हीनता हुई और पूर्व मंत्री सहित जनप्रतिनिधियों को परिवर्तित समय की जानकारी नहीं दी गई। आयोजन स्थल पर यह मुद्दा काफी चर्चा में रहा।
शनिवार को तय समय पर जिला पंचायत के प्रधान परमेश मईडा 9:30 बजे पहुंचे। इसके पश्चात सैलाना की पूर्व विधायक संगीता चारेल, भाजपा की सक्रिय नेता और पूर्व पार्षद सीमा टाक भी पहुंची। इसी दौरान पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी भी आयोजन स्थल पर पहुंचे। पूर्व मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को जब पता चला कि कार्यक्रम की शुरुआत 10:30 बजे होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्बोधन होगा। उसके पश्चात देशभर में वैक्सीन का डोज लगाने का कार्य किया जाएगा। जबकि मीडिया को 9 बजे का समय दिया गया था और वह समय पर पहुंच गए थे। जनसंपर्क विभाग के पीआरओ भी 9 बजे आ गए थे।
नहीं हुई आवभगत
विशेष बात यह रही कि मेडिकल कालेज की डीन भी जनप्रतिनिधि के स्वागत के लिए उस समय मौजूद नहीं थी। जनप्रतिनिधि स्वयं ही अपनी कुर्सी खींचकर बैठते हुए नजर आए। उनकी कोई आवभगत नहीं हुई। पत्र से मिले समय के अनुसार आने वालों की दिक्कत है थी कि वह पुनः घर भी नहीं जा सकते थे। आने जाने में ही इतना समय खत्म हो जाता।
इसलिए कुर्सी पर बैठे बैठे मुख्य आयोजन के लिए आवश्यक टीवी सीधा प्रसारण की व्यवस्था को ठीक करते हुए देखते रहे।
खफा से नजर आए जनप्रतिनिधि
जिला पंचायत के प्रधान परमेश मईडा ने आते से ही हरमुद्दा को अपना पत्र दिखाते हुए कहा कि इसमें समय 9:30 बजे का दे रखा है। यदि समय पर परिवर्तन हुआ है तो इसकी सूचना देना जिम्मेदार आयोजकों का कर्तव्य बनता है। संवाद हीनता के चलते ठंड में परेशानी का सामना करना पड़ा। श्री मईडा को कुछ समय चाय की होटल पर व्यतीत करना पड़ा। तो कुछ समय बाइक पर बैठकर व्यतीत किया।उन्होंने मेडिकल कॉलेज की डीन को भी फोन लगाया लेकिन उनका फोन डाइवर्ट हो रहा था।
घर का कार्य कर समय पर आते : संगीता चारेल
इस मुद्दे पर सैलाना की पूर्व विधायक संगीता चारेल का कहना है कि यह जिम्मेदारों की लापरवाही का ही परिणाम है कि उन्हें समय परिवर्तन की सूचना नहीं दी गई। अन्यथा वे कुछ समय पश्चात अपने घर के अन्य कार्य करके आती। ठंड के दिनों में वैसे ही कार्य में देर होती है। यहां आकर इंतजार ही करना पड़ा।
भगवान की पूरी पूजा भी नहीं हो पाई और न ही घर वालों को दे पाए नाश्ता : सीमा टाक
सक्रिय समाजसेवी एवं पूर्व पार्षद सीमा टाक का कहना है कि जल्दी-जल्दी में भगवान की पूजन भी पूरी नहीं हो पाई। वहीं परिजनों को नाश्ता भी बना कर नहीं दे पाए। यदि जिम्मेदार संवाद हीनता नहीं करते तो घर का काम भी व्यवस्थित हो जाता और यहां पर व्यर्थ का समय बर्बाद नहीं होता।
ठंडा में होती है दिक्कत : पूर्व मंत्री
पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी का कहना है कि यह बात सही है कि समय पर परिवर्तन की सूचना जिम्मेदारों को देना चाहिए थी, वह नहीं दे पाए हैं। यह उनकी गलती है। सुबह-सुबह काफी व्यस्तता रहती है। आना भी दूर था, इसलिए जल्दी भी निकलना पड़ा।