दिल्ली, 23 मार्च। देश के सर्वोच्च पदों पर सेवाएं देना लाखों युवाओं का सपना होता है। इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) हर साल प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। देशभर से हर साल लगभग दस लाख युवा सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए आवेदन करते हैं। प्रवेश परीक्षा का पहला चरण जून माह के पहले सप्ताह आयोजित होगा। सिविल सेवा परीक्षा के लिए दो महीने बाकी रह गए हैं। अंतिम समय में अभ्यर्थियों पर तैयारी का दबाव बढ़ जाता है। परीक्षा पास करने के लिए वह हर तरीके के हथकंडे अपनाते हैं, लेकिन सफलता एक सटीक प्लानिंग के बाद ही मिलती है।
सिविल सेवा विशेषज्ञ निधि गौड़ ने अभ्यर्थियों को अंतिम समय में धैर्य के साथ लगातार तैयारी करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अक्सर परीक्षा के दबाव में अभ्यर्थी नई-नई मैगजीन, किताबें खरीद कर तैयारी करते हैं। कम समय होने के चलते अभ्यर्थी अक्सर शार्टकट का रास्ता अपनाते हैं, लेकिन ऐसा न करके हर अभ्यर्थी को विशेषतौर पर इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए बनाई गई किताबों से ही पढ़ाई करनी चाहिए।
मॉक टेस्ट सॉल्व करें
मैडम गौड़ ने बताया कि समय कम बचा है तो अभ्यर्थियों को मॉक टेस्ट सॉल्व करने चाहिए। पुराने साल के पेपर और मॉक टेस्ट सॉल्व करने से असल परीक्षा में टाइम मैनेज होगा। अब कुछ भी नया पढ़ने से बेहतर है कि अपने नोट्स का ही रिविजन किया जाए। इससे अतिरिक्त दवाब से भी बच सकेंगे।
नहीं बनाए मानसिक दबाव
मनोरोग विशेषज्ञ डा. सोना कौशल गुप्ता ने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को महत्वपूर्ण सलाह दी है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा परीक्षा को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। घर का दबाव, परीक्षा में बेहतर परिणाम देने के दबाव में अभ्यर्थी परेशान रहते हैं। इससे अक्सर मानसिक दबाव की शिकायतें भी आती हैं। ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों को प्रेरित करें और दबाव न बनाएं।

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