सृष्टि के श्वान अभियान की सार्थकता : जब नन्हों ने मासूमियत से कहा “हमारे छोटू को अच्छा करवा दो, यह बहुत बीमार है”
🔲 श्वान से दोस्ती सुरक्षा कवच अभियान में बच्चे भी हुए शामिल
हरमुद्दा
रतलाम, 22 जनवरी। शहर के शक्ति नगर में शाम को श्वान का छोटा बच्चा घूम रहा था। वह वाहनों के नीचे आने से भी कई बार बचा। कॉलोनी की नन्ही बालिकाएँ नंदिनी, वैष्णवी, तान्या, लक्षिता, दृष्टि ने देखा तो तुरंत ही अपने साथ घर ले गए।
उसकी तबीयत बहुत खराब थी और कुछ खा पी भी और ठीक से चल भी नहीं रहा था। जब कॉलोनी के बच्चों को पता लगा कि उन्ही के पास में रहने वाली एक दीदी रहते है, जिन्होंने कुछ दिन पहले इनके लिए बारदान बिछाने का कार्य किया था। बच्चे उनके पास पहुंचे जो कि सृष्टि समाज सेवा समिति की तेजस्वी दल सचिव कोमोलिका रावल थी। छोटी नन्ही बालिकाओं ने बड़ी मासूमियत से कहा कि हमारे छोटू को अच्छा करवा दो। यह बहुत बीमार है। जब बच्चों ने पूरी घटना से अवगत कराया, तब तेजस्वी दल सदस्य ने समिति के पदाधिकारियों को सूचित किया। जिस पर पास में ही रहने वाली समिति सदस्य दिव्या श्रीवास्तव एवं अर्पित उपाध्याय पहुंचे।
दवाई देने के कुछ समय बाद ही ठीक होने लगा छोटू
उन्होंने बताया कि स्वान के बच्चे की तबीयत बहुत खराब है, उसे ठंडी लग रही है सूचना मिलने पर समिति के सतीश टाक भी तुरंत पहुंचे। उस बच्चे को इलाज के लिए सामाजिक कार्यकर्ता पशुओं के लिए समर्पित आशा गुप्ता के पास ले गए, जिन्होंने कुछ दवाई गोली दी जिससे स्वान का बच्चा 15 मिनट में अच्छी हालत में हो गया जो कि अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है। छोटे-छोटे बच्चों ने छोटू को सही हालत में पाकर समिति को धन्यवाद दिया और अब वह उस श्वान के बच्चे दिन-रात देखभाल कर रहे हैं।
बेजुबानों का समझे दर्द आमजन
श्री टाक ने हरमुद्दा को बताया कि समिति का उद्देश्य यही है, कि आमजन इन बेजुबानों का दर्द समझे। कहीं भी अपने घर के आस-पास भी ऐसा पशु दिखता है तो उसे किसी भी पशु चिकित्सक के पास ले जाएं। या फिर उनसे सलाह लेकर उनके इलाज के लिए प्रयास करें या पशु प्रेमी जो इनके लिए सेवा में लगे रहते हैं उनको सूचना दें। ये बेजुबान कुछ बोलते नहीं लेकिन दिल से दुआ देते हैं।