ख्यात कवियों ने प्रस्तुतियां देकर कैदियों से बटोरी खूब दाद

🔲 शुद्ध विचारों से लें प्रेरणा : कलेक्टर

🔲 सदैव बनी रहती है सुधार की संभावनाएं : एसपी

हरमुद्दा
रतलाम 27 जनवरी। गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर सर्किल जेल रतलाम में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें ख्यात कवियों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर खूब दाद बटोरी।

कवि सम्मेलन का शुभारंभ कलेक्टर गोपाल चंद्र डांड, एसपी गौरव तिवारी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया।

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अतिथियों का स्वागत प्रभारी जेल अधीक्षक विद्या भूषण प्रसाद ने किया। स्वागत उद्बबोधन पूर्व लोक अभियोजक व रंगकर्मी कैलाश व्यास ने दिया। संचालन चंचल चौहान ने किया। आभार जेल अधीक्षक श्री प्रसाद ने माना।

जीवन के नव निर्माण की बनाएं योजना

कवि सम्मेलन को संबोधित करते हुए कलेक्टर डाड ने बंदियों को शुद्ध विचारों से प्रेरणा लेने की बात कही। वहीं एसपी तिवारी ने बंदियों से कहा कि किन्हीं भी परिस्थितियों में किए गए कार्य पर पुनर्विचार कर अपने आगामी जीवन के नव निर्माण की योजना बनाएं। सुधार की संभावनाएं सदैव बनी रहती है। आवश्यकता अपनी मानसिक तैयारी करने की है।

सारे धर्म जिंदा है मगर इंसान की खातिर : होकर

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शायर कवि अब्दुल सलाम खोकर ने कहा कि ग्रंथ और वेद ,गीता बाईबिल,कुरआन की खातिर, यह सारे धर्म जिंदा है मगर इंसान की खातिर।

🔲 कवि चंचल चौहान सेमलिया ने कहा कि बड़े नाजो से पाला है मुझे भारत की मिट्टी ने, मुझे तो जान से प्यारी है हिंदुस्तान की धरती।

🔲 कवि अंशुल जैन ने कहा कि महकती खिलखिलाती फूलों की क्यारी नहीं होती ,अगर इस देश में लक्ष्मी या झलकारी नहीं होती।

🔲 श्रृंगार रस कवियीत्री सुमित्रा सरल ने कहा कि कभी जब डूब जाती हूं ,तो नैया देख आती हूं में मानस में लिखा पावन सवैया देख आती हूं।

🔲 कवि संजय खत्री ने कहा लोगों के पैरों ने ठोकर बना, दिया पापी पेट ने सेठो को नौकर बना दिया।

फोटो : राकेश पोरवाल

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