इंदौर नगर निगम का बुजुर्गों के साथ अमानवीय कृत्य, निगमायुक्त ने की दो कर्मचारियों की सेवा समाप्त
हरमुद्दा
इंदौर, 29 जनवरी। नगर निगम कर्मियों द्वारा कमजोर बुजुर्गों को एक गाड़ी में भरकर इंदौर-देवास हाईवे पर छोड़ने का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया। बात राजधानी तक पहुंची और मुख्यमंत्री ने अमानवीय कृत्य पर तत्काल कार्यवाही कर दी। दो कर्मचारियों की निगमायुक्त ने सेवा समाप्त कर दी।
नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के वाहन से जहां पर बुजुर्गों को उतारा जा रहा था। वहां पर जागरूक व्यक्ति ने यह वीडियो शूट करते हुए बताया कि निगमकर्मी बुजुर्गों को सड़क किनारे फेंकने आए हैं और बुजुर्गों को इंदौर नगर निगम की अतिक्रमण निरोधक गाड़ी में भरकर लाया गया है।
ग्रामीणों ने ली आपत्ति तो उसी वाहन में बिठा कर ले गए नगर निगम के कर्मचारी
जब गांव वाले वीडियो बनाने लगे और कर्मियों को फटकारा तो कर्मी उन्हें फिर गाड़ी में बैठाने लगे। ग्रामीणों ने कर्मियों से कहा कि कम से कम बुजुर्गों को इस तरह नहीं फेंकना चाहिए। नगर निगम के कर्मचारियों की संख्या तीन थी, जो यह अमानवीय काम कर रहे थे। जिस गाड़ी से बुजुर्गों को हाईवे पर बेसहारा कर छोड़ने लाया गया था, उसका नंबर एमपीएफ 7622 था और यह निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते की गाड़ी है।
स्वच्छता के लिए ऐसा कृत्य
गौरतलब है कि इसी महीने स्वच्छता सर्वेक्षण होना है और इसके चलते लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने के लिए इंदौर नगर निगम कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
निगमायुक्त ने मामले में दो लोगों की सेवा समाप्त की
ठंड के मद्देनजर बुजुर्गों को रैन बसेरा भेजने के दौरान हुई लापरवाही के मामले में वीडियो के वायरल होने के बाद निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने मामले की पूरी जानकारी जुटाई। जानकारी मिलने के बाद रेन बसेरा के मस्टरकर्मी ब्रजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी की तुरंत प्रभाव से सेवा समाप्त कर दी गई है। निगम कमिश्नर ने किया साफ कि मामला संवेदनशील है और इसकी जांच में जहां भी लापरवाही पाई जाएगी, वहां जवाबदार पर कार्रवाई की जाएगी।