सॉफ्ट टॉयज बनाने के हुनर से बन्दी महिलाएं बाहर जाकर बने आत्मनिर्भर: मिश्रा

हरमुद्दा
रतलाम 27 मार्च। कारागार में रहने वाली महिला बंदी यहां से हुनर सीख कर अपने जीवन में आत्मनिर्भर बन सकेंगी। समाज में सम्मानजनक स्थान मिलेगा। जेल से बाहर निकल कर महिला बंदी अपने हुनर के जरिए आत्मनिर्भर बनते हुए बेहतर जीवन जीने में समर्थ होंगी।
यह बात सीईओ जिला पंचायत सोमेश मिश्रा ने रतलाम सर्किल जेल में महिला बंदियों के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कही।
उल्लेखनीय है कि आरसेटी प्रशिक्षण संस्था द्वारा रतलाम सर्किल जेल में महिला बंदियों को 13 दिवसीय सॉफ्ट टॉयज निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 27 मार्च को हुआ। कार्यक्रम में जेल अधीक्षक आरआर दांगी, आरसेटी प्रशिक्षण संस्था की डायरेक्टर सुश्री उषा फर्नांडीस, जेलर पीके सिंह आदि उपस्थित थे।
17 बन्दी महिलाओं को प्रशिक्षण
कार्यक्रम में 17 महिला बंदियों को सॉफ्ट टॉयज बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। आरसेटी डायरेक्टर श्री ऊषा फर्नांडिस ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ विगत 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किया गया था। आगे पुरुष बंदियों को भी कौशल उन्नयन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जेल अधीक्षक श्री दांगी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में विचाराधीन तथा दंडित महिलाओं द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। पीके सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। ट्रेनर श्रीमती अर्चना व्यास ने महिला बंदियों को सॉफ्ट टॉयज बनाने का प्रशिक्षण दिया।

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