मिशन शक्ति की घोषणा: चुनाव आयोग ने लिया जांच के दायरे में, समिति गठित

दिल्ली, 28 मार्च। राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपग्रह भेदी मिसाइल के सफल उपयोग की जानकारी दी। विभिन्न दलों ने इस पर आपत्ति उठाई।
यह अचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं। इसे लेकर चुनाव आयोग पशोपेश में था। चुनाव आयोग ने जांच के दायरे में लिया और समिति का गठन कर निर्वाचन उपयुक्त संदीप सक्सेना को जिम्मेदारी सौपी है।
आयोग ने कहा, प्रधानमंत्री द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देश को संबोधित करने का मामला आयोग के संज्ञान में लाया गया है। आयोग ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के बीच अधिकारियों की समिति गठित कर तत्काल इस मामले की जांच करने का निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों की उपलब्धि का राजनीतिक लाभ लेने के लिए देश को संबोधित किया और यह आचार संहिता का उल्लंघन है। येचुरी ने आयोग से यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री ने आयोग से अनुमति लेकर देश को संबोधित किया?
वैसे दायरे में नहीं आते ऐसे मामले
आयोग के सूत्रों ने बताया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन संबंधी मामले चुनाव आचार संहिता के दायरे में नहीं आते। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी। उसके लिए निर्णय और आपदा प्रबंधन जैसे मामले आचार संहिता के दायरे में नहीं आते हैं। इन मामलों में आयोग की पूर्व मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।
बना है चौथा देश

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्र को बताया कि भारत ने अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराते हुए आज अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज कराया और ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
निर्वाचन उपयुक्त की समिति करेगी जांच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को अपने संबोधन में उपग्रह भेदी मिसाइल (ए-सैट) के सफल परीक्षण की घोषणा कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है या नहीं। निर्वाचन आयोग ने इस बात की जांच करने के लिए जांच समिति गठित कर दी। निर्वाचन उपायुक्त संदीप सक्सेना समिति के अध्यक्ष होंगे। हालांकि चुनाव आयुक्त न तो समिति के अन्य सदस्यों के नाम बताए और न तो यही बताया कि जांच की मियाद कितने दिनों की होगी।
तत्काल जांच के निर्देश
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, बुधवार को अपराह्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रधानमंत्री के संबोधन से जुड़ा मामला भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाया गया है। आयोग ने अधिकारियों की एक समिति को आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर इस मामले की तत्काल जांच करने का निर्देश दिया है।

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