“आजादी का अमृत महोत्सव” अभियान का शुभारंभ आज भोपाल से, जिला मुख्यालय सहित आजादी के आंदोलन से जुड़े स्थलों पर भी होगा कार्यक्रम
हरमुद्दा
भोपाल, 12 मार्च। भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को पूरे प्रदेश में समारोहपूर्वक मनाने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव” अभियान चलेगा। अभियान की शुरुआत 12 मार्च से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों होगी। प्रदेश में जिला मुख्यालयों सहित उन स्थानों पर जहाँ स्वतंत्रता आंदोलन संघर्ष की अमर-गाथाएँ विद्यमान हैं, वहाँ पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
शौर्य स्मारक भोपाल में आजादी के अमृत महोत्सव अभियान 10 बजे होगा शुरू
राजधानी मुख्यालय में मुख्यमंत्री श्री चौहान 12 मार्च को प्रात: 10 बजे शौर्य स्मारक भोपाल में आजादी के अमृत महोत्सव अभियान का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान शौर्य स्मारक में भारत माता प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर शौर्य स्तंभ पर शहीदों के सम्मान में पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे। कार्यक्रम में पुलिस बैंण्ड के साथ देशभक्ति गीत-भजनों की प्रस्तुति होगी।
प्रदेश के जिलों के साथ स्थलों पर भी होंगे आयोजन
प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव प्रदेश के सभी 52 जिला मुख्यालयों सहित आजादी के संघर्ष से जुड़े जन-नायकों एवं आंदोलन से संबद्ध स्थलों पर भी आयोजित किया जाएगा। श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में मुख्य रूप से चिन्हित स्थलों में भाभरा जिला अलीराजपुर (चंद्रशेखर आजाद), ओरछा जिला निवाड़ी (तात्या टोपे), तामिया जिला छिंदवाड़ा (खाजा नायक), बारा जिला जबलपुर (रानी दुर्गावती), देवरी जिला सागर (संग्राम शाह), मदनपुर जिला शिवपुरी (ढिल्लन शाह), टुरिया जिला सिवनी (महिलाओं को फांसी दी गई), विजयराघौगढ़ जिला कटनी (राजा सरयू प्रताप), बालपुर जिला डिण्डोरी (रानी अवन्तीबाई), डगडौआ जिला उमरिया (बिरसा मुण्डा), मुंगावली जिला अशोकनगर (गणेश शंकर विद्यार्थी) और अमझेरा जिला धार (राणा बख्तावर सिंह) शामिल हैं। प्रदेश के ऐसे ऐतिहासिक स्थल जहाँ आजादी के आंदोलन की गाथाएँ जुड़ी हैं उनमें घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल, बाबई जिला होशंगाबाद, करेली जिला नरसिंहपुर, गढ़ाकोटा जिला सागर, सांवेर जिला इंदौर, महिदपुर जिला उज्जैन, देपालपुर जिला इंदौर, उदयपुरा जिला रायसेन, नैनपुर जिला मण्डला, नागौद जिला सतना और अम्बाह जिला मुरैना में भी समारोहपूर्वक आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जाएगा।
ऐतिहासिक घटना दांडी मार्च से जुड़ी
प्रमुख सचिव ने बताया कि 12 मार्च की तारीख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक घटना दांडी मार्च से जुड़ी हुई है। यह सन् 1930 में महात्मा गांधी के द्वारा अंग्रेज सरकार के नमक के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध किया गया सविनय कानून भंग कार्यक्रम था। महात्मा गांधी के नेतृत्व में 78 लोगों द्वारा साबरमती आश्रम से समुद्रतटीय गाँव दांडी तक पैदल यात्रा (390 किलोमीटर) करके 6 अप्रैल 1930 को नमक हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून का भंग किया गया था।