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बहुत देर कर दी कोरोना नियंत्रण में : समय रहते नहीं जागे जिम्मेदार, अब 10 दिन का लॉक डाउन, लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें

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 हर स्तर पर विफल जिम्मेदार

 जिम्मेदारों की ढिलाई ने संक्रमित की संख्या बढ़ाई।

 सख्त रवैया नहीं होने के कारण हुई मनमर्जी

 हेमंत भट्ट

रतलाम,  8 अप्रैल। कोई माने या ना माने मगर यह बात सौ फीसदी सच है कि कोरोना वायरस को नियंत्रित करने में काफी देर कर दी। अब तक जिम्मेदार हर मोर्चे पर विफल रहे हैं। न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना पा रहे हैं और नहीं मास्क लगवा पा रहे हैं। सख्त रवैया नहीं होने के कारण सब अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। नतीजतन संक्रमित की शहर में बाढ़ आने लगी है। पहले से ही नियंत्रण कर लिया जाता तो आम जनता को इतने बड़े लॉकडाउन की मुसीबत को झेलना नहीं पड़ता। इन्हें तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन लाखों परिवारों का पेट मजदूरी से ही पलता है, सुबह मजदूरी करेंगे तो शाम चूल्हा जलता है और रोटियां मिलती है। खबर सुनते ही सभी के माथे पर चिंता की लकीर है। कलेक्टर गोपालचंद्र डाड 9 अप्रैल शाम 6 से 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक के लिए लॉक डाउन की घोषणा की है। दूध सहित अन्य जरूरी सुविधा पर छूट दी जाएगी।

तथ्यात्मक और मुद्दे की बात यह है कि 9 मार्च को संक्रमित की संख्या 4490 थी। कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 83 थी। आइसोलेशन वार्ड में केवल 69 मरीजों का उपचार किया जा रहा था और 51 एक्टिव कंटेंटमेंट एरिया थे। जांच की कतार में भी केवल 189 सैंपल थे।

वहीं शहर, वही लोग, जिन्होंने किया था गत वर्ष सख्ती का पालन

तभी प्रशासन ने संभलने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया। जबकि शहर भी वही है, शहरवासी भी वही है। व्यापारी भी वही है, जिम्मेदार नागरिक भी वही है। जिन्होंने गत वर्ष के नियमों का पालन किया और जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह भली-भांति किया और संक्रमण नियंत्रण में रहा। बढ़ने नहीं दिया गया। यह कहना कदापि गलत नहीं होगा कि जिम्मेदारों की ढिलाई ने संक्रमित की संख्या बढ़ाई।

अब तक कांटेक्ट ट्रेसिंग नहीं

मुद्दे की बात यह है कि जब संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा था, तब संक्रमित व्यक्ति के कांटेक्ट में आए लोगों की जांच भी नहीं की गई। यही ढिलाई जिम्मेदारों को दुख दे रही है, जिसका खामियाजा अब आम जनता, व्यापारियों और मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है। कांटेक्ट ट्रेसिंग होती और जांच की जाती तो संक्रमण का दायरा इतना नहीं बढ़ता, जितना कि अब बढ़ रहा है। अभी भी जांच रिपोर्ट में विलंब के कारण शहरभर में कोरोना संक्रमण से हुए पॉजिटिव लोग घूम रहे हैं। किसी को भी पता नहीं है। 23 सौ सैंपल की जांच भी कतार में है। आखिर यह संख्या क्यों बढ़ने दी गई, जबकि जिम्मेदारों को पता था कि संक्रमण बढ़ेगा तो संभालने में नाकारा साबित होंगे। फिर भी ध्यान नहीं दिया। आम जनता में चर्चा है कि इससे तो बेहतर कलेक्टर रुचिका चौहान थी, उन्होंने तत्काल नियंत्रण कर लिया था। केवल लॉक डाउन ही समस्या का समाधान नहीं था।

होली के त्यौहार की नहीं जला पाए होली

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 7 अप्रैल की स्थिति में देखा जाए तो शहर में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले की संख्या 6138 हो गई है। कोरोनावायरस से जान गंवाने वालों का आंकड़ा भी बढ़कर 105 हो गया है। आइसोलेशन वार्ड में 763 लोगों का उपचार किया जा रहा है। जिले में कुल 1162 एक्टिव कंटेंटमेंट एरिया बना दिए गए हैं। आज की तारीख में जांच की कतार में 2295 मरीजों के सैंपल लगे हुए हैं। जबकि लोगों ने होली का त्योहार नहीं मनाया। रंग पंचमी यादों में रही। शीतला सप्तमी की पूजन भी कोरोना के साए में महिलाओं ने करके घर परिवार के लिए परंपरा का निर्वाह किया, क्योंकि महिलाएं परिवार की खुशहाली के लिए कुछ भी कर सकती है।

चिंता की लकीरें खिंच गई है सभी के माथे पर

व्यापारी विनोद गहलोत व किशन शिवानी का कहना है कि लॉक डाउन से सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उनको तो उनकी तनख्वाह मिलती रहेगी, लेकिन जो प्राइवेट जॉब करते हैं। उनका दर्द वही जानते हैं। गत वर्ष ही उन्होंने अपनी पुरानी प्राइवेट जॉब को खोया और नई पाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी थी। वही व्यापारी और अन्य फुटकर व्यापार करने वाले लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। घर में इतनी अब जमा पूंजी नहीं है कि फिर से वह इस मुसीबत से दो-चार हाथ हो जाए। व्यापार की पूंजी खाने में खर्च कर देंगे तो व्यापार कैसे करेंगे? इन्हीं सब बातों को लेकर माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है।

9 मार्च से 7 अप्रैल तक का लेखा जोखा

 1468 हुए कोरोना वायरस पॉजिटिव

 22 महिला पुरुषों ने जान गवाई

 1111 नए कंटेनमेंट एरिया बने

 932 स्वस्थ होकर घर पहुंचे

 763 वर्तमान में आइसोलेशन वार्ड में उपचाररत

अप्रैल के सात दिन (1 से 7 अप्रैल तक)

 537 नए संक्रमित

 348 नए कंटेनमेंट क्षेत्र

 11 महिला पुरुषों की मौत (कोरोनावायरस से)

 7 अप्रैल को जांच रिपोर्ट में सर्वाधिक 109 कोरोना पॉजिटिव

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