अप्रैल फूल: हद तो तब होती, जब भावनाओं के साथ होता खिलवाड़

हरमुद्दा
रतलाम, 1 अप्रैल। अप्रैल पास आते ही सब एक दूसरे को मूर्ख बनाने के लिए भांति-भांति के तरीके ईजाद कर लेते हैं। हद तो तब हो जाती है, जब उसकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने लगते है। यही स्थिति हंसने और हंसाने के उत्सव पर अंगुली उठाती है। लोग नाराज हो जाते है। बुरा मान जाते है। हालाकि यह विदेशों में ही मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति में उल्लेख नहीं है।
खास बात यह है कि इस दिन किसी की शरारत का कोई बुरा मान जाता है तो कोई नहीं भी। आखिर एक अप्रैल को ही ऐसा क्यों किया जाता है, इसकी जानकारी सब को नहीं है। यह तो पता नहीं है कि पहली बार अप्रैल फूल डे कब मनाया गया, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि फ्रेंच कैलेंडर में होने वाला बदलाव भी अप्रैल फूल डे मनाने का कारण हो सकता है। वहीं कुछ लोग मानते हैं कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय की एनी से सगाई के कारण अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। कुछ लोग इसे हिलारिया त्यौहार से भी जोड़ कर देखते हैं।
सगाई से अप्रैल फूल
कहा जाता है इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई की तारीख 32 मार्च, 1381 को होने की घोषणा की गई थी जिसे वहां के लोग सही मान बैठे और मूर्ख बन गए, तभी से एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाता है। ज्यॉफ्री सॉसर्स ने पहली बार साल 1392 में इसका जिक्र अपनी किताब केंटरबरी टेल्स में किया था।
विदेश में ही शुरुआत
अप्रैल फूल को अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जहां आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और ब्रिटेन में ये दोपहर तक मनाया जाता है। जिसके पीछे वजह है कि यहां के अखबार केवल सुबह के अंक में मुख्य पेज पर अप्रैल फूल डे से जुड़े विचार रखते हैं। जबकि कुछ देशों- जापान, रूस, आयरलैंड, इटली और ब्राजील में पूरे दिन अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। दुनिया में कई ऐसे देश भी हैं जहां अप्रैल फूल डे तो मनाया ही जाता है। साथ ही एक दूसरा दिन भी मूर्ख दिवस के रूप में होता है। डेनमार्क में 1 मई माज-काट के रूप में मनाया जाता है। डेनमार्क का माज-काट अप्रैल फूल डे के समान ही होता है। पोलैंड में अप्रैल फूल डे प्राइमा एप्रिलिस के नाम से जाना जाता है। पोलैंड में इस दिन मीडिया और सरकारी संस्थान हाक्स तैयार करते हैं।
मास्क लगाकर करते मजाक
हिलारिया एक त्यौहार है जो प्राचीन काल में रोम में मनाया जाता था। इस त्यौहार में देवता अत्तिस की पूजा होती थी। हिलारिया त्यौहार में उत्सव का भी आयोजन किया जाता था। इस उत्सव के दौरान लोग अजीब-अजीब कपड़े पहनते थे। साथ ही मास्क लगाकर तरह-तरह के मजाक करते थे। उत्सव में होने वाली इस गतिविधि के कारण ही इतिहासकारों ने इसे अप्रैल फूल डे से जोड़ दिया।

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