नवदुर्गा उपासना: रहस्यों के पालन से मिलेगा मनचाहा आशीष

नवदुर्गा उपासना पर्व इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार 6 अप्रैल 2019 से प्रारंभ होगा। इसमें घटस्थापना के साथ भक्तजन मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करेंगे। मां दुर्गा की उपासना के कई रहस्य भी है। यदि इनका पालन किया तो जीवन में बहुत कुछ आसानी से मातारानी के आशीर्वाद से मिलेगा।
नवरात्र में मां के पूजन के समय आराधक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ रहे तो अधिक श्रेष्ठ होता है। क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति, संपूर्णता, शौर्य, विकास एवं प्रकाश की दिशा है। अतः सफल साधना की कुंजी है।
उत्तर दिशा की तरफ भी मुख करना उत्तम है क्योंकि यह दिशा उत्तरी ध्रुव, हिमालय की विशालता, गंगा जमुना की पवित्रता एवं अध्यात्म प्राप्ति से पूर्ण है। पश्चिम दिशा की तरफ मुख रखकर उपासना करने से त्याग, वैराग्य, मुक्ति, मोक्ष की प्राप्ति होती है। अतः अपनी मनस्थिति के अनुरूप आराधना तथा दिशा तय करना जरूरी होता है।
यह दिलाता कीर्ति कल्याण
नवरात्र में प्रत्येक दिन भवन के मुख्य द्वार पर कुंकुम हल्दी से स्वस्तिक बनाने से यश, कीर्ति, धन, ज्ञान एवं कल्याण की प्राप्ति होती है। साथ ही नकारात्मक शक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लग जाता है।
आएगी सकारात्मक शक्ति
आपका पूजा स्थल यदि ईशान कोण (पूर्व उत्तर) में हो तो सर्वाधिक श्रेष्ठ है। साधना सफल होगी तथा घर में चारों तरफ सकारात्मक शक्ति का संचार होगा।
दीपक की दिशा से शत्रु परास्त

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यदि आप नवरात्र के नो दिन तक अखंड ज्योत प्रज्वलित रखना चाहते हैं तो वह दीपक आपके साधना स्थल के अग्नि कोण (पूर्व-दक्षिण) में उत्तम होगा। यह कौन अखंड दीपक हेतु श्रेष्ठ है। ऐसा करने पर सुख-समृद्धि के साथ शत्रु विजय पर भी सफलता मिलती है

जीवन आनंद

मातारानी की स्थापना चंदन की चौकी पर करने से आपका जीवन सफल, सहज एवं निष्कंटक होगा।जीवन में सफलता, कुशलता एवं आनंद की प्राप्ति होगी।

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ज्योतिर्विद गोचर शर्मा

13, बिचलवास
रतलाम,457001 (मध्यप्रदेश)

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