सेहत सरोकार : पुष्य नक्षत्र में सुवर्णप्राशन आयुर्वेदिक टीकाकरण 2 से 16 साल के बच्चों के लिए

आरोग्य भारती बाल संस्कार द्वारा आयोजन

प्रति माह देते हैं पुष्य नक्षत्र में दो बूंद

हरमुद्दा
रतलाम 20 नवंबर। कुपोषण एक अभिशाप स्वर्णिम स्वस्थ समृद्ध भविष्य के लिए 0 से 16 वर्ष आयु के बच्चों के लिए प्रतिमाह के पुष्य नक्षत्र पर 2 बूंद सुवर्णप्राशन आयुर्वेदिक दवा टीकाकरण किया जा रहा है।

आरोग्य भारती बाल संस्कार प्रकल्प के दौरान डॉ. निर्मला डांगी  जिला इकाई द्वारा हाट रोड  स्थित निर्मल सेवा संस्थान पर रतलाम व अन्य शहरों से आए बाल मनुहारो को शिविरों के माध्यम से पिलाई जा रहीं हैं जिसके सकारात्मक अदभुत परिणाम आ रहे हैं।

कई फायदे हैं इसके

समाजसेवी विशाल कुमार वर्मा ने बताया कि सुवर्णप्राशन जो बच्चों के किए जाने वाले 16 संस्कारों में से एक संस्कार है जिसका वर्णन आयुर्वेद के बालरोग ग्रंथ कश्यप संहिता में महर्षि कश्यप ने किया है।  बच्चे की बुद्धि बल याददाश्त रंग पाचन क्रिया के विकास के साथ बलशाली बनाने सभी प्रकार की ऐलर्जी से बचाने रोग प्रतिरोधक छमता बढाकर बारबार बीमार होने कुपोषण से रोककर पुर्ण विकास में सहायक हैं

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