अहिंसा यात्रा का रतलाम जिले की सीमा में मंगल- प्रवेश, आचार्य महाश्रमणजी का 17 साल बाद होगा नगरागमन
सांसद ने की आचार्य महाश्रमण जी की आगवानी
हरमुद्दा
रतलाम,17 जून। आचार्य श्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में गाँव – गाँव और डगर – डगर नशामुक्ति का अलख जगा रही अहिंसा यात्रा का गुरुवार को रतलाम जिले की सीमा में मंगल- प्रवेश हुआ। ग्राम रानीसिंग में यात्रा की अगवानी सांसद ने की। इस मौके पर रतलाम तेरापंथ धर्मसभा के श्रावक – श्राविकाएं और श्रद्धालुजन मौजूद थे।
रतलाम तेरापंथ सभा के अध्यक्ष अशोक दख ने बताया कि नशामुक्ति और अहिंसा के पावन उद्देश्यों के प्रति देश विदेशों में जन – जागरण कर रही अहिंसा यात्रा ने जिले की सीमा पर पूर्ण अनुशासन के साथ प्रवेश किया । सांसद गुमानसिंह डामोर ने जिलेवासियों की और से गुरुवर का भावभीना अभिनन्दन किया। तेरापंथ धर्मसभा, युवक परिषद और महिला मंडल ने निर्धारित गणवेश में रास्ते के दोनों किनारो पर खड़े रहकर यात्रा के नायक आचार्य प्रवर एवं उनके साथ चल रहे साधु- साध्वीजी महाराज साहेब का स्वागत किया।
भक्त मंडल ने की चातुर्मास की विनंती
रतलाम धर्मसभा के वरिष्ठ श्रावकों ने दोपहर में रानीसिंग पहुँचकर वहां विराजित गुरुदेव से वर्ष 2024 के चातुर्मास का लाभ रतलाम को देने का निवेदन किया। वरिष्ठजनों ने बारी – बारी से अपनी बात रखते हुए चातुर्मास की विनंती का आगाज़ कर दिया।
आचार्य महाश्रमण को मिला है राजकीय अतिथि का दर्जा
श्री दख ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन ने आचार्य प्रवर को राजकीय अतिथि का दर्जा प्रदान किया है। शासन के इस निर्णय के लिए रतलाम तेरापंथ सभा ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है। आचार्य प्रवर रानीसिंग से मुंदड़ी, छतरी, बिरमावल, रेनमऊ, धराड़ होते हुए 22 जून को रतलाम में प्रवेश करेंगे। वे 22,23 एवं 24 जून को रतलाम में ही प्रवास करेंगे।
उल्लेखनीय है की आचार्य महाश्रमणजी 17 वर्ष पूर्व युवाचार्य के रूप में रतलाम पधारे थे। इसके बाद अब वे आचार्य के रुप में इस क्षेत्र में पधारे है। श्री दख ने बताया कि यात्रा के साथ 27 संत व 11 सतियों का भी विहार चल रहा है। कुछ संत रतलाम में पूर्व में ही पधार चुके है।