अहिंसा पद यात्रा : आचार्य श्री 12 किलोमीटर का विहार कर शुक्रवार को पधारे ऊनी गांव
“हम तो आपके भरोसे गुरुदेव भव सागर से नैया पार करो…
अभूतपूर्व स्वागत ग्रामीण अंचल में
हरमुद्दा
रतलाम, 18 जून। महा तपस्वी आचार्य महाश्रमण की अभिवंदना में जिले के ग्राम ऊनी में आज अभूतपूर्व उत्साह का माहौल रहा। आचार्य श्री 12 किलोमीटर का विहार कर शुक्रवार प्रातः काल ऊनी गांव पधारे। उनके सानिध्य में निकल रही अहिंसा यात्रा में सांसद गुमानसिंह डामोर भी कदमताल कर रहे है।
आचार्यश्री का ग्राम में सैकंडो लोगो ने भक्तिमय स्वागत किया। गांव की महिलाओं ने गुरुभक्ति में
“हम तो आपके भरोसे गुरुदेव भव सागर से नैया पार करो…” गीत की प्रस्तुति भी दी। ग्रामीणों में
आचार्यप्रवर की सेवा का लाभ लेने के लिए इस कदर उत्साह था कि कृषक गण खेतों में नहीं जाकर सड़क के दोनों किनारों पर खड़े रहकर यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे थे।
पूर्व कृषि मंत्री ने की भाव वंदना
ऊनी गांव में आगमन के पूर्व प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री धूलजी चौधरी ने अपने गांव मूंदड़ी में आचार्यप्रवर का भावपूर्ण वंदन किया। श्री चौधरी बोले–मैं तो बहुत बड़ा भाग्यशाली हूँ कि घर बैठे ऐसे महापुरुष के दर्शन हो गए। ऊनी गांव से शाम को 6 किलोमीटर का विहार कर यात्रा ग्राम पीपलखूंटा पहुच गई है।
इस दौरान रतलाम धर्मसभा के वरिष्ठ श्रावकों ने गुरुदेव से वर्ष 2024 के चातुर्मास का लाभ रतलाम को देने की विनती की। आचार्य महाश्रमणजी 17 वर्ष पूर्व युवाचार्य के रूप में रतलाम पधारे थे। उसके बाद वे आचार्य के रूप में इस क्षेत्र में पधारे है।
राजस्व कालोनी के सचिन कांसवा का साधु दीक्षा पश्चात सत्यमुनि के रूप में रतलाम आगमन
तेरापंथ धर्म संघ में दीक्षित होकर मुनि बने रतलाम के सचिन कांसवा सत्य मुनि के रूप में आज धर्म धरा रतलाम पहुचें। नगर के राजस्व कॉलोनी में जीवन के 17 वर्ष व्यतीत करने वाले सत्यमुनि के रतलाम आगमन की खबर से स्थानीय तेरापंथ समाज मे हर्ष व्याप्त हो गया है। आचार्य महाश्रमण के नगर आगमन के पूर्व रतलाम पहुँचने के लिए सत्यमुनिजी ने उग्र विहार किया। मुनिश्री गुरुवार सुबह भी 21 किलोमीटर पैदल यात्रा कर रतलाम पहुँचे। उनके आगमन पर यहां विराजित सन्तो ने रास्ते मे आगे जाकर उनकी अगवानी की। इससे नगर सन्तो के मिलन का ऐतिहासिक भाव-विव्हल दृश्य निर्मित हुआ।