भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई : आईआरएस अधिकारी को 16.32 लाख की रिश्वत राशि सहित दबोच
अफीम किसानो से रिश्वत बतौर 36 करोड वसूले
हैंगिंग ब्रिज के पास दल ने दबोचा
खेल में बड़ा खुलासा होने की संभावना
हरमुद्दा
कोटा, 17 जुलाई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शनिवार एक बड़ी कार्रवाई की। अफीम किसानों से उनकी अफीम की क्वालिटी अच्छी बता कर पुणे अफीम पट्टे देने के नाम पर वसूली गई राशि में से आईआरएस अधिकारी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा में कोटा हैंगिंग ब्रिज के पास से 16.32 लाख रुपए की नगदी सहित पकड़ा। डॉ. यादव से पूछताछ की जा रही है और इस खेल में बड़ा खुलासा होने की संभावना है
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा के एसपी चंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रशासन विभाग ब्यूरो को सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में स्थित अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक डॉक्टर से शांति यादव जिनको नीमच स्थित अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक का भी अतिरिक्त चार्ज मिला हुआ है, वह एक स्कॉर्पियो गाड़ी 83 y 7851 जिस पर पुलिस विभाग का चिह्न लगा हुआ है उक्त गाड़ी में आई आर एस डाॅ. यादव कोटा होते हुए गाजीपुर जाएगा और गाड़ी में बड़ी मात्रा में रिश्वत की राशि है।
उतार कर ली गाड़ी की तलाशी
इस सूचना पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोटा के हैंगिंग ब्रिज के पास ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशनाराम विश्नोई और निरीक्षक अजीत सिंह के नेतृत्व में गठित की गई टीम ने उक्त स्कॉर्पियो गाड़ी को रोका और उसमें सवार अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक आईआरएस डॉ. शशांक यादव सवार थे जिन्हें उतार कर पूछताछ के बाद गाड़ी की तलाशी ली गई।
मिठाई के डिब्बों में मिले नोट
तलाशी के दौरान गाड़ी में मिठाई के डिब्बे में 15 लाख रुपए नकदी तथा लैपटॉप और पर्स में 1 लाख 32000 नगदी मिली, जिसके बारे में पूछने पर डॉ. यादव कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। इस पर आईआरएस अधिकारी डॉ. यादव को ब्यूरो ने हिरासत में लेकर कार और नगदी को जप्त कर ब्यूरो कार्यालय लाया गया जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
वहां होती है अफीम गुणवत्ता की जांच
एसपी ठाकुर ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ और सूचना के आधार पर यह जानकारी मिली है कि नीमच अफीम फैक्ट्री में राजस्थान के कोटा, झालावाड़, चित्तौड़, प्रतापगढ़ में केंद्र सरकार के नारकोटिक्स विभाग द्वारा लाइसेंस शुदा अफीम उत्पादक किसानों के अफीम की गुणवत्ता की जांच मध्यप्रदेश के नीमच में स्थित अफीम फैक्ट्री में मध्यप्रदेश और राजस्थान के सभी लाइसेंस शुदा अफीम काश्तकारों की अफीम सैंपलो की गुणवत्ता की जांच की जाती है और उच्च गुणवत्ता के आधार पर ही नारकोटिक्स विभाग 10/12 आरी के अफीम उत्पादन के लिए पट्टे जारी करता है ।
अच्छी गुणवत्ता बताने के लिए दलाल के माध्यम लेता था 60 से 80 हजार
अफीम फैक्ट्री नीमच के अजीत सिंह व दीपक यादव दलालों के माध्यम से लाइसेंस शुदा अफीम उत्पादक किसानों को उनके सैंपल की गुणवत्ता बढ़िया बताने और मारफीन अधिक बताने के एवज में प्रति किसान 60 हजार से ₹80 हजार की विश्वत लेते हैं और जो किसान नहीं देता है, उसकी गुणवत्ता और मारफीन घटिया बता दी जाती है। उसके आधार पर नारकोटिक्स विभाग उन किसानों के पट्टे निरस्त कर देता है।
6000 अफीम उत्पादक किसानों से की है वसूली
इन दोनों कर्मचारियों ने दलालों के माध्यम से करीब राजस्थान और मध्य प्रदेश के 6000 किसानों से अब तक अच्छी गुणवत्ता बताने के एवज में 30 करोड़ से 36 करोड रुपए तक की रिश्वत वसूल ली है। यहां करीब 40,000 किसान नारकोटिक्स विभाग केंद्र सरकार से लाइसेंस शुदा उत्पादक है जिनके अफीम की गुणवत्ता और मारफीन की जांच होनी है ।