सेहत सरोकार : केरल से आने वाले सभी सात दिन के लिए रहेंगे होम क्वारेंटाईन, 2 दिन में देना होगी आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट
केरल से आने वाले व्यक्ति को कोरोना कंट्रोल रूम पर जानकारी देना अनिवार्य
आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई
हरमुद्दा
रतलाम, 31 जुलाई। जिले की राजस्व सीमा के भीतर निवासरत व्यक्ति के घर यदि केरल राज्य से कोई व्यक्ति आता है तो उसकी सूचना कोरोना कंट्रोल रूम पर अनिवार्य रूम पर देना होगी चाहे वह उनका पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, भाई-बहन या अन्य कोई भी व्यक्ति हो। केरल से आने वाले सभी को सात दिन के लिए होम क्वारेंटाईन रहना होगा। इसके साथ ही उन्हें 48 घंटे के भीतर आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगी। आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
यह आदेश कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने दिए। दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी में कहा कि कोरोना संक्रमण बीमारी को डब्ल्यूएचओ द्वारा वैश्विक महामारी के रुप में चिन्हित किया गया है तथा म.प्र. शासन द्वारा म.प्र. पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 की धारा 50 के अन्तर्गत सम्पूर्ण म.प्र. राज्य के लिए संक्रामक रोग घोषित किया गया है। केरल राज्य से आने वाले व्यक्ति को कोरोना कंट्रोल रुम रतलाम पर पर इसकी जानकारी देना आवश्यक किया गया है।
जिले में बनाए गए हैं कंट्रोल रूम
केरल राज्य से आने वाले व्यक्ति को आने की सूचना रतलाम शहर के कोरोना कंट्रोल रूम के दूरभाष नं. 07412-242400, रतलाम ग्रामीण 8827313364, सैलाना 07413-278630, जावरा 8602457916 तथा आलोट 07410-230428 कंट्रोल रूम पर अनिवार्य रुप से देना होगी। ऐसे व्यक्ति अनिवार्यतः सात दिन के लिए होम क्वारेंटाईन रहेंगे। ऐसे व्यक्ति जो सात दिवस से कम अवधि के लिए जिले में आएंगे उन्हें 48 घंटे के भीतर आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई
कोरोना वायरस से पीडित, संक्रमित व्यक्ति केरल राज्य से आए किसी व्यक्ति की जानकारी न देना, तथ्यों को छुपाना व कोरोना वायरस से पीडित एवं संदिग्ध व्यक्ति जिसे कि होम आइसोलेशन, आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है, ऐसा कोई व्यक्ति बिना सूचना, डाक्टर या सक्षम प्राधिकारी की बिना अनुमति के चला जाता है वह पीडित व्यक्ति दूसरों की जान या निजी सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। उक्त कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 269, 336 के तहत दण्डनीय अपराध है तथा उल्लंघन करने पर विधि सम्बद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।