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टोक्यो ओलंपिक : हॉकी में मिला 41 साल बाद भारत को पदक

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 भारत की टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराया

 पहला गोल किया जर्मनी ने

 भारत में ठोके धना धन तीन गोल

हरमुद्दा
गुरुवार, 5 अगस्त। टोक्यो ओलंपिक में गुरुवार को सुबह भारतीय हॉकी टीम कांस्य पदक के लिए जर्मनी से भिड़ी। आखिरकार भारत की हॉकी टीम ने 41 साल बाद पदक पर कब्जा जमाया है जर्मनी को 5-4 से भारत में हराकर कांस्य पदक हासिल किया। आखिरी पलों तक मैच रोमांचक रहा। आखिरी मिनट में जर्मनी को पेनाल्टी कॉर्नर मिला था, लेकिन गोल नहीं कर पाए। भारत ने आखिरी बार 1980 ओलंपिक में गोल्ड जीता था।

उल्लेखनीय है कि मैच का पहला गोल जर्मनी ने किया और भारतीय टीम ने 3-3 से बराबरी कर ली। जर्मनी दूसरे मिनट में ही 1-0 से आगे हो गया था। जर्मनी को एक लॉन्ग कॉर्नर मिला और उन्होंने हिट का पूरा फायदा उठाया। डी क्षेत्र के अंदर एक रिवर्स हिट से जर्मनी को पहला गोल मिला।

गोल करने के बाद भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी रूपिंदर पाल सिंह

इसके बाद दूसरे क्वार्टर में भारत ने जबरदस्त वापसी की और एक के बाद एक तीन गोल ठोंक दिए। हालांकि इस दौरान जर्मनी ने भी 2 गोल किए। आखिरी पलों तक मैच रोमांचक रहा। आखिरी मिनट में जर्मनी को पेनाल्टी कॉर्नर मिला था, लेकिन गोल नहीं कर पाए।

कब क्या हुआ मैच में

31वें मिनट में मनदीप सिंह की पहल के बाद भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला। जर्मनी ने चैलेंज किया लेकिन फायदा नहीं हुआ। रुपिंदर सिंह ने स्ट्रोक का फायदा उठाया और टीम को 4-3 से बढ़त दिला दी। इसके बाद 34 वें मिनट में गुरजंत सिंह काउंटर रन के साथ सिमरनजीत को पास किया जिन्होंने उसे गोल में बदलकर 5-3 की लीड दिला दी।

भारत सबसे सफल टीम 8 पदक किए हांसिल

भारत ओलंपिक में सबसे सफल टीम है जिसने 8 स्वर्ण पदक जीते हैं। लेकिन पुरुष हॉकी टीम ने 1980 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से कोई पदक नहीं जीता है। स्वर्ण पदक जीतने का सपना कुछ दिन पहले ही समाप्त हो गया। हालांकि भारत के पास कांस्य पदक के साथ अभियान खत्म करने का मौका है। भारतीय हॉकी के इतिहास में यह एक बहुत बड़ा क्षण है क्योंकि आज की जीत क्रिकेट के प्रति जुनूनी देश में हॉकी को फिर से जिंदा करने के लिए जरूरी है।

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