प्रदेश में आबकारी का सख्त शिकंजा : अपराधियों को आजीवन जेल और बीस लाख तक का जुर्माना
1915 के मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम में भारी बदलाव
आबकारी अधिनियम और ज्यादा सख्त
हरमुद्दा
भोपाल, 11 अगस्त। आबकारी अपराधों पर शिंकजा कसते हुए बुधवार को विधानसभा ने 1915 के मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम में भारी बदलाव करते हुए ऐसे संशोधन किये हैं जिनसे अपराधियों को कड़ी सजा मिलेगी। साथ ही अब सरकार को यह अधिकार होगा कि मदिरा की श्रेणी को घोषित कर सके। अब हेरिटेज मदिरा की नई श्रेणी बना दी गई है। यह उच्च गुणवत्ता की होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कड़े कानूनी प्रावधान बनाये गये हैं।
नये संशोधित अधिनियम में अब मदिरा का अवैध निर्माण, संग्रहण, परिवहन और विक्रय गंभीर अपराध है। जुर्माने की राशि को 1 हजार से बढ़ाकर 10 हजार कर दी गई है। मिलावटी मदिरा बनाने पर जुर्माने की राशि 300 से बढ़ाकर 30 हजार और 2 हजार से बढ़ाकर 02 लाख कर और ज्यादा सख्ती बरती गई है। आबकारी अपराधों को रोकने गये अमले पर हमले के लिये अब दोषियों को दो के बजाय तीन साल की जेल होगी और जुर्माने की राशि दो हजार से बढ़ाकर तीन हजार रुपये कर दी गई है।
गैर जमानती होंगे अपराध
सेवन नहीं करने योग्य मदिरा बेचने या बनाने पर पहली बार धारा 49 ए के उल्लंघन के लिये छह साल की जेल और एक लाख का जुर्माना तथा दूसरी बार के लिये दस साल की जेल और दस लाख का जुर्माना लगेगा। सेवन से नुकसान होने पर आठ साल की जेल और दो लाख का जुर्माना और दूसरी बार उल्लंघन करने पर 14 वर्ष की जेल और दस लाख का जुर्माना लगेगा। सेवन से मृत्यु होने पर आजीवन जेल और बीस लाख का जुर्माना लगेगा। ये सभी अपराध गैर जमानती होंगे।