श्रावणी उपाकर्म ब्राह्मणों को सनातन धर्म के लिए उनके कर्तव्यों को याद दिलाने का पर्व
🔲 सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा हुआ श्रावणी उपागम
हरमुद्दा
रतलाम, 22 अगस्त। परिवार, समाज, राष्ट्र एवं विश्व में प्रेम, शांति और आनन्द की स्थापना केवल सनातन धर्म ही कर सकता है, क्योंकि सनातन धर्म ही मनुष्य, पशु, पक्षी, प्राणी मात्र ही नहीं बल्कि पेड़ पौधे,नदी, पर्वत एवं सम्पूर्ण प्रकृति की मंगल कामना करते हुए उनकी रक्षा करने की प्रेरणा देता है। रक्षाबंधन पर होने वाला श्रावणी उपाकर्म ब्राह्मणों को सनातन धर्म के लिए उनके कर्तव्यों को याद दिलाने का पर्व है।
यह विचार सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित श्रावणी उपाकर्म के अवसर पर संयोजक पुष्पेन्द्र जोशी ने व्यक्त किए। रक्षाबंधन के अवसर पर श्रावणी उपा कर्म का आयोजन श्री त्रिवेदी मेवाडा ब्राह्मण समाज के श्री नागेश्वर एकलिंग नाथ महादेव मंदिर गंगा आश्रम पर किया गया।
धर्म विरोधी ताकते सनातन धर्म को कर रही कमजोर
श्रावणी उपाय करने में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए श्री जोशी ने कहा कि वर्तमान में पाश्चात्य संस्कृति एवं धर्म विरोधी ताकतों के द्वारा सनातन धर्म को कमजोर किया जा रहा है, ऐसी परिस्थियो में ब्राह्मण समाज की जिम्मेदारी और अधिक बड़ जाति है। ब्राह्मण समाज को आधुनिकीकरण का सम्मान एवं पाश्चात्यीकरण का विरोध कर सनातन धर्म की रक्षा करना चाहिए। पूर्व में भी सनातन धर्म को कमजोर किया गया था, तब जगतगुरु आदि शंकराचार्य जी ने पुनः सनातन धर्म को स्थापित किया था।
सनातन धर्म के लिए कार्य करने का आह्वान कर भेंट किया जगतगुरु शंकराचार्य जी का चित्र
श्रावणी उपा कर्म में कोरोना नियमों का पालन किया गया। तत्पश्चात सभी उपस्थित ब्राह्मणों को जगतगुरु शंकराचार्य जी का चित्र भेंट कर सनातन धर्म के लिए कार्य करने का आह्वान किया गया।