राज्य स्तरीय सम्मान समारोह : भारत की शिक्षा व्यवस्था के आदर्श, मूल्य और संस्कार के वाहक है शिक्षक : स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री

 राज्य स्तरीय शिक्षक समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 27 शिक्षक हुए सम्मानित

कोरोना काल में दिवंगत शिक्षकों को दी श्रद्धांजलि

हरमुद्दा
भोपाल, 05 सितंबर। शिक्षक भारत की शिक्षा व्यवस्था के आदर्श, मूल्य और संस्कार के वाहक हैं। शिक्षक भारत की सनातन परंपरा का पालन करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाने लिखाने तक सीमित न होकर, उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला एक व्यक्तित्व है।

यह विचार स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने व्यक्त किए। श्री परमार वल्लभ भवन में वर्चुअली ऑनलाइन आयोजित “राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह” में शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित कर रहे थे।

हर अधिकारी-कर्मचारी का है यह सम्मान

श्री परमार ने शिक्षकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य को आकार देते है और इस तरह राष्ट्र के भावी भविष्य का निर्माण करते है। इस नेक योगदान के कारण ही शिक्षक समाज के सबसे ज्यादा सम्मानित सदस्य हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से 27 शिक्षकों का सम्मान करते हुए श्री परमार ने कहा कि यह सम्मान  प्रदेश के हर शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हर अधिकारी-कर्मचारी का सम्मान है।

वंदना पांडे का सम्मान हुआ मंत्रालय में

श्री परमार ने भोपाल जिले की शिक्षिका वंदना पांडे को मंत्रालय में सम्मानित करते हुए प्रदेश के विभिन्न जिलों के एनआईसी कक्षा से जुड़े शिक्षकों को शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और 25 हज़ार रुपए की सम्मान राशि से सम्मानित किया।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक का किया सम्मान

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त श्री पटेल को सम्मानित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री

श्री परमार ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित मंडला जिले के बिछिया विकासखंड के शासकीय हाई स्कूल मांद के माध्यमिक शिक्षक शक्ति पटेल को सम्मानित किया। श्री परमार ने उन्हें शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और राज्य शासन की ओर से 11 हज़ार रुपए की सम्मान राशि का चेक भेंट किया।

आचार्य चाणक्य का अनुसरण कर भारत को बनाए विश्वगुरु

राज्यमंत्री परमार ने सभी शिक्षकों को आचार्य चाणक्य का उदाहरण देते हुए कहा कि आचार्य चाणक्य ने देश को संगठित और विदेशी शक्तियों का नाश कर अखंड भारत का निर्माण किया था। एक बार पुनः शिक्षा के क्षेत्र में भारत का पुनर्निर्माण किया जाना है। देश के अच्छे नागरिक को विकसित करने के साथ विद्यार्थी के अंदर संवेदनशील व्यक्तित्व का निर्माण करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। श्री परमार ने सभी शिक्षकों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में भारत को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने का आग्रह भी किया।

कोरोना काल में दिवंगत शिक्षकों को दी श्रद्धांजलि

श्री परमार ने कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में शिक्षा व्यवस्था के दिवंगत हुए सभी शिक्षकों और स्टाफ को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा हमारे शिक्षकों ने कोरोना संकटकाल के दौरान शासन द्वारा सौपे विभिन्न दायित्यों का निर्वहन कर आमजन को राहत पहुंचाने के साथ-साथ विद्यार्थियों की शिक्षा निरंतर रखने का उत्कृष्ट कार्य किया है। भविष्य में जब इतिहास लिखा जाएगा तो शिक्षा क्षेत्र में उनका स्मरण और योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

अपनी क्षमताओं से आगे बढ़कर निभाया शिक्षकों ने कर्तव्य : प्रमुख सचिव शमी

प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कोरोना संकटकाल के दौरान शिक्षकों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि शासकीय और अशासकीय विद्यालयों के सभी शिक्षकों ने पाठ्यपुस्तक से आगे बढ़ते हुए नित नए प्रयोग कर शिक्षा व्यवस्था को निरंतर रख विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। ‘हमारा घर हमारा विद्यालय’, डिजिलेप और यूट्यूब पर कक्षाओं जैसी प्रयोग सिर्फ इसलिए सफल रहे क्योंकि हमारे शिक्षकों ने पूरी ईमानदारी और क्षमताओं से आगे बढ़कर अपना कर्तव्य निभाया है। श्रीमती शमी ने कोरोना वायरस से दिवंगत शिक्षकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं भी दी।

प्रदेश के 27 शिक्षक शिक्षिकाएं हुए सम्मानित

प्रदेश के 27 शिक्षक हुए सम्मानित “राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2021” के ऑनलाइन कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 27 शिक्षकों को शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इन शिक्षकों में उज्जैन की प्राचार्य डॉ. चित्ररेखा जैन, राजगढ़ की व्याख्याता सुश्री बबीता मिश्रा, दमोह के अजय कुमार सिंघई, डिंडोरी के उच्चतर माध्यमिक शिक्षक प्रशांत कुमार साहू, बालाघाट के शिक्षक गौरीशंकर पटले, बड़वानी के अनिल प्रबोध मिश्रा, बैतूल की ममता गोहर, भोपाल की वंदना पांडे, छतरपुर के सचिन कुमार द्विवेदी, छिंदवाड़ा की भावना शर्मा, धार के श्री बालकृष्ण शुक्ला, गुना की डॉक्टर सारिका जैन,  शाजापुर के आशीष जोशी, मंदसौर के पंकज कुमार गुप्ता, मुरैना के उमेश कुमार तिवारी, नरसिंहपुर के सुशील कुमार शर्मा, रतलाम की सीमा अग्निहोत्री, सीहोर के संजय सक्सेना, सिवनी के अविनाश पाठक, शहडोल की डॉ. निधि शुक्ला, शाजापुर के आशीष जोशी, टीकमगढ़ के शफी मोहम्मद, राजगढ़ के मोहन विश्वकर्मा, रमाकांत पांडे, भिंड के माध्यमिक शिक्षक मोहम्मद शकील, मंडला के अखिलेश उपाध्याय, देवास के महेश कुमार सोनी और नीमच के निर्मल राठौर शामिल है।

यह थे मौजूद

इस अवसर पर आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव, संचालक राज्य शिक्षा केंद्र श्रीधन राजू एस, अपर संचालक धीरेंद्र चतुर्वेदी, संयुक्त संचालक शीतांशु शुक्ला, आर एस तोमर सहित शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *