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अनुवाद से कमाई और सोशल मीडिया में हिन्दी की उपयोगिता पर दिया बल

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 हिन्दी की दशा और दिशा पर हुआ राष्ट्रीय वेबिनार

हरमुद्दा  
मोहन बड़ोदिया, 6 सितंबर। स्थानीय शासकीय महाविद्यालय, मोहन बड़ोदिया, कुषाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर और ग्लोबल रिसर्च कैनवास, रिसर्च जरनल, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी की दशा और दिशा पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में जहां अनुवाद से कमाई का जिक्र किया, वहीं सोशल मीडिया में हिन्दी की उपयोगिता पर बल दिया गया।

प्रभारी प्राचार्य डॉ. बी. एस. विभूति ने हरमुद्दा को बताया कि कार्यक्रम का आरंभ  डॉ. विशाला शर्मा, चेतना कन्या महाविद्यालय, औरंगाबाद के संयोजन में पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव शर्मा के संदेश वाचन से हुआ।

बाजार के लिए न सीखें हिंदी , बल्कि इसके लिए मन में जज्बा हो : डॉ. भारती गौड़े

मूल वक्तव्य डॉ. अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय की हिन्दी विभागाध्यक्षा डॉ. भारती गौड़े ने हिन्दी को सहज, सरल और सुगम बनाने की बात कही। हिन्दी बाजार के लिए न सीखें, बल्कि इसके लिए मन में जज्बा हो। यह विश्व की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। संकट गहरा है, इसे जन-जन की भाषा छोड़ने वाले को देशद्रोही करार दिया।

हम हर दिन हिन्दी को जीएं

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ग्लोबल रिचर्स कैनवास के सम्पादक मनोज कुमार ने आह्वान किया कि हम हर दिन हिन्दी को जीएं। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृ भाषा में अध्ययन-अघ्यापन को रेखांकित किया।

हिंदी की उप धारा ओं को जोड़ना जरूरी

स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर की डॉ. सोनाली नरगुंदे ने अनुवाद से कमाई का जिक्र किया और सोशल मीडिया में हिन्दी की उपयोगिता पर बल दिया। संयुक्त राष्ट्र हिन्दी जन अभियान दिल्ली के दीपक मिश्र ने हिन्दी के लिए किए गए प्रयासों की चर्चा की। श्री मिश्र ने कहा कि नामपट्ट ही हिन्दी में हो तो आधा काम हो जाएगा। जी फिल्म स्कूल, नोएडा की प्रो. आरफा राजपूत ने कहा कि हिन्दी कमतर नहीं है, इसकी उपधाराओं को जोड़ना होगा।

वेबिनार से 600 से अधिक जुड़े

इस वेबिनार में 600 से ज्यादा पंजीयन प्राप्त हुए और कार्यक्रम के दौरान श्रोता लगातार बने रहे और अपनी प्रतिक्रिया देते रहे।

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