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प्रतिबंधात्मक आदेश : जिले में रात्रि 11 से प्रातः 6 बजे तक नाईट कर्फ्यू प्रभावी, भीड़ एकत्र करने वाले आयोजन पर प्रतिबंध

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 30 सितंबर तक के लिए दिए कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक आदेश

हरमुद्दा
रतलाम, 6 सितंबर। सम्पूर्ण रतलाम जिले में रात्रि 11.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे तक नाईट कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन, मेले आदि जिनमें जनसमूह एकत्रित होता है, प्रतिबंधित रहेंगे। स्कूल, कालेज खोले जाने के सम्बन्ध में पूर्व में जारी आदेश में प्रदत्त दिशा-निर्देश यथावत प्रभावशील रहेंगे। सभी धार्मिक, पूजा स्थल खुल सकेंगे किन्तु एक समय में 6.00 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं रह सकेंगे तथा उपस्थितजनों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करना बंधनकारी होगा।

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए आगामी 30 सितम्बर की प्रातः 6.00 बजे की अवधि के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए है।

समय सीमा का करना होगा पालन

समस्त प्रकार की दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय, शापिंग माल, जिम अपने नियत समय तक खुल सकेंगे। सिनेमाघर एवं थिएटर कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक संचालित किए जा सकेंगे। सिनेमाघर संचालक को कोविड 19 प्रोटोकाल का पालन करना सुनिश्चित करना होगा। समस्त वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य कर सकेंगे तथा निर्माण गतिविधियां सतत् चल सकेंगी। जिम एवं फिटनेस सेन्टर 50 प्रतिशत क्षमता पर कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए खुल सकेंगे। समस्त खेलकूद के स्टेडियम खुल सकेंगे किन्तु खेल आयोजनों में दर्शक शामिल नहीं हो सकेंगे।

रेस्टोरेंट्स रात 10 बजे तक रह सकते हैं खुले

समस्त रेस्टोरेंट एवं क्लब 100 प्रतिशत क्षमता से कोविड 19 प्रोटोकाल की शर्त का पालन करते हुए रात्रि 10.00 बजे तक खुल सकेंगे। जिले में विवाह आयोजन में दोनों पक्षों को मिलाकर अधिकतम 100 लोगों की उपस्थिति की ही अनुमति रहेगी। इस प्रयोजन के लिए आयोजक को संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं थाना प्रभारी को अतिथियों के नाम की सूची आयोजन से पूर्व प्रदाय करना आवश्यक होगा। इस हेतु सूची के साथ अनुमति के लिए आवेदन सात दिवस पूर्व देना होगा। समस्त सहभागियों को दो दिवस पूर्व आरटीपीसीआर अथवा आरएटी करवाना अनिवार्य होगा। अधिकतम 50 लोगों के साथ अंतिम संस्कार की अनुमति रहेगी।

रुल्स आफ सिक्स

अनुमत्य गतिविधियों के अलावा किसी भी स्थान पर 6 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा। जहां पर स्पष्ट रुप से 6 से अधिक व्यक्तियों की अनुमति दी जाती हो, वहां यह छूट रहेगी। अन्तरराज्यीय तथा राज्यांतरिक व्यक्तियों, माल एवं सर्विसेज का आवागमन निर्बाध रहेगा। प्रतिमा/ताजिये (चेहल्लुम) के लिए पाण्डाल का आकार अधिकतम 30 गुणा 45 फीट नियत किया जाता है। झांकी निर्माताओं को आवश्यक रुप से यह सलाह दी जाती है कि ऐसी झांकियों की स्थापना एवं प्रदर्शन नहीं करें जिनमें संकुचित जगह के कारण श्रद्धालुओं, दर्शकों की भीड एकत्र नहीं हो तथा सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन हो। इसकी व्यवस्था आयोजकों को सुनिश्चित करना होगी। मूर्ति/ताजिये (चेहल्लुम) का विसर्जन संबंधित आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा। विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति रहेगी। इसके लिए आयोजकों को पृथक से जिला प्रशासन से लिखित अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा।

चल समारोह की अनुमति नहीं

कोविड संक्रमण के दजृष्टिगत रखते हुए धार्मिक/सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए सामूहिक चल समारोह भी अनुमत्य नहीं होगा। लाउड स्पीकर बजाने के सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाईड लाईन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड संक्रमण से बचाव के ताररतम्य में झांकियों, पाण्डालों, विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु/दर्शक फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनेटाईजर के प्रयोग के साथ ही राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का कडाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।

व्यापारियों को प्रोटोकाल का पालन करना जरूरी

सभी सार्वजनिक व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कोविड-19 के प्रोटोकाल (फेस मास्क, सेनिटाईजर, दो गज की दूरी, गोले बनाना व रस्सी बांधना) का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके उल्लंघन पर संबंधित प्रतिष्ठान के संचालक पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी व संबंधित प्रतिष्ठान को सील किया जा सकेगा। प्रतिष्ठान के मालिक, प्रबंधकों द्वारा यह प्रयास किया जाए कि उनका स्वयं का तथा प्रतिष्ठान पर कार्यरत समस्त कर्मचारियों का वैक्सीनेशन हो चुका हो। उल्लंघन की स्थिति में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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