जन जागरूकता : स्‍वच्‍छ हवा हमारे स्‍वास्‍थ्‍य जीवन अर्थव्‍यवस्‍था के लिए महत्‍वपूर्ण

 ‘नीले आसमान के लिए स्‍वच्‍छ वायु का अंतरराष्‍ट्रीय दिवस

हरमुद्दा
रतलाम 07 सितंबर। इस वर्ष 7 सितंबर को विश्‍व स्‍तर पर International Day of clean air for blue skies याने कि ‘नीले आसमान के लिए स्‍वच्‍छ वायु का अंतरराष्‍ट्रीय दिवस’ मनाया। इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य व्‍यक्तिगत सामुदायिक और सभी स्‍तरों पर लोगों में जागरूकता बढाना है कि स्‍वच्‍छ हवा हमारे स्‍वास्‍थ्‍य जीवन अर्थव्‍यवस्‍था के लिए कितनी महत्‍वपूर्ण है।

सीमएएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग अंतर्गत वायु प्रदूषण एवं मानव स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। वायु  प्रदूषण हवा में ठोस कणों तरल बिन्‍दु या गैस के रूप में मौजूद कणों के कारण होता है। ये प्राकृतिक या कृत्रिम हो सकते हैं। अति सूक्ष्‍म कण नासिका या मुंह द्वारा श्‍वसन के दौरान फेफडों तक पहुंचते हैं जहां से रक्‍त की धमनियों में प्रवेश कर शरीर के विभिन्‍न भागों में पहुचते हैं तथा दिल, फेफडे, दिमाग आदि को हानि पहुंचाते हैं।

प्रदूषित हवा मानव स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बडा खतरा

नोडल अधिकारी डॉ. जी.आर. गौड ने बताया कि  प्रदूषित हवा मानव स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बडा खतरा है। वायु प्रदूषण के कारण फेफडों के कैंसर के कारण 29 प्रतिशत मौतें, स्‍ट्रोक के कारण 24 प्रतिशत मौतें, हदय रोग के कारण 25 प्रतिशत मौतें, फेफडों की बीमारी के कारण 43 प्रतिशत मौंते हो जाती है।

वायु प्रदूषण से बचने के लिए ज्‍यादा प्रदूषित जगहो पर ना जाऐं, इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग को बढाऐं, कचरे को ना जलाऐं, धुम्रपान का त्‍याग करें, साईकिल का प्रयोग करें, ज्‍यादा  यातायात एवं भीडभाड से दूर रहे। वायु प्रदूषण के कारण उच्‍च संवेदनशील वर्ग शिशु, गर्भवती महिलाऐं,  बुजुर्ग, दमा के रोगी एवं हदयरोगी हैं। वायु प्रदूषण से इस वर्ग के लोगों को बचाना चाहिए। सुरक्षित स्‍वास्‍थ्‍य के लिए स्‍वच्‍छ हवा आवश्‍यक दशा है ।

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