ट्रेन में सफर के दौरान अश्लील हरकत करने वाले आरोपी कोच अटेन्डर को 3 वर्ष का सश्रम कारावास

हरमुद्दा
रतलाम, 14 सितंबर। ट्रेन में सफर के दौरान अश्लील हरकत (obscene act) करने वाले आरोपी कोच अटेन्डर ब्रजेश पिता चन्द्रिका प्रसाद पाण्डे को 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराध न्यायाधीश योगेन्द्र कुमार त्यागी ने सुनाई। प्रकरण में पैरवी अनिल बादल एवं गौतम परमार ने की।

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने हरमुद्दा को बताया कि 23 जनवरी 2015 को बाम्बे (महाराष्ट्र) में स्थित एक स्कूल के 2 शिक्षकों द्वारा 32 विद्यार्थियों तथा 4 टूर कंडक्टरो के साथ एजुकेशन यात्रा के लिए राजस्थान के शहर जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर एवं जयपुर गए थे।

यात्रा पूरी करने के बाद लौट रहे थे वापस

एजुकेशन यात्रा पूरी होने के पश्चात वह लोग जयपुर से 28 जनवरी 2015 को जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन के एसी कोच नंबर बी-2, बी-3 एवं बी-5 में सवार होकर मुंबई वापस जा रहे थे। जैसी ही ट्रेन 29 जनवरी 2015 को सुबह करीब 08ः30 बजे पालघर से पास हुई तब एक विद्यार्थी ने अपने शिक्षक को नींद से जगा कर बताया कि जब वह रात में सो रहा था तो रात्रि लगभग 01ः30 से 01ः45 बजे के बीच एक व्यक्ति ने उसके पेंट की चैन खोलकर अश्लील हरकत की थी। उसके जागने पर वह व्यक्ति भाग गया था। तभी अन्य दो विद्यार्थियों ने भी शिक्षक को बताया कि रात्रि 10ः30 बजे ट्रेन नागदा रेल्वे स्टेशन क्रास होने के बाद उनके साथ भी कोच अटेन्डर ने अश्लील हरकत की थी।

शिक्षक और विद्यार्थी ने पकड़ा कोच टेंडर को

शिक्षक को वह अटेन्डर के केबीन में सोता हुआ मिला। जिसे बच्चों ने पहचान लिया। अटेन्डर की शर्ट पर नेम प्लेट लगी थी जिस पर उसका नाम ब्रजेश पांडे लिखा था। आरोपी कोच अटेन्डर ब्रजेश पिता चंन्द्रिका प्रसाद पांडे उम्र 29 साल नि स्नेही थाना खेमरिया जिला रीवा को पकडा। ट्रेन के मुंबई पहुंचने पर थाना मुंबई सेन्ट्रल रेल्वे पर शिक्षक द्वारा लिखित शिकायत देकर रिपोर्ट दर्ज करवाई गई व आरोपी को पुलिस के हवाले किया।

किया आरोपी को गिरफ्तार

घटना स्थल क्षैत्र रतलाम होने से मुंबई रेल्वे पुलिस उक्त रिपोर्ट व आरोपी को लेकर 30 जनवरी 2015 को रतलाम जी.आर.पी. थाने पर उपस्थित हुई, जहां पर आरोपी के विरूद्ध असल प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

न्यायाधीश ने सुनाई सजा

विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष  07 जुलाई 2015 को आरोपी के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट द्वारा विचारण उपरांत 14 सितंबर 2021 को अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए आरोपी ब्रजेश पिता चंन्द्रिका प्रसाद पांडे को धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 3 वर्ष का कठोर कारावास (Imprisonment) एवं 4000 रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।

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