वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे कभी नहीं, अभी नहीं और इतना नहीं के पालन से होती है लाइन ऑफ कंट्रोल: पन्यास प्रवर -

कभी नहीं, अभी नहीं और इतना नहीं के पालन से होती है लाइन ऑफ कंट्रोल: पन्यास प्रवर

1 min read

हरमुद्दा
रतलाम,23 अप्रैल। पन्यास प्रवर श्री पदमबोधी विजयजी म.सा.ने आठ दिवसीय आचार महिमा महोत्सव के तीसरे दिन आचार्य के 36 गुणों का विवेचन करते हुए लाइन ऑफ कंट्रोल का रास्ता बताया। उन्होंने कहा कि जीवन में कई मौकों पर कभी नहीं, अभी नहीं और इतना नहीं का पालन करना चाहिए। लाइन ऑफ कंट्रोल का यही रास्ता है। इससे नौ बातों निद्रा(प्रमाद), सुधा(भूख),स्वाद, काम(इच्छा),द्वेष, संघ, संग्रह, नाम और शास्त्र पर भी विजय मिलती है।
पद्मभूषण आचार्य श्रीमद विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न पन्यास प्रवर श्री पदमबोधी विजयजी म.सा. ने रुद्राक्ष कालोनी,लक्ष्मी नगर,हरमाला रोड़ पर हो रहे महोत्सव में लाइन ऑफ कंट्रोल की विस्तार से व्याख्या की।
तो भी कहे मना
श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ, गुजराती उपाश्रय एवं श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी द्वारा आयोजित इस महोत्सव में उन्होने कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल के लिए जब भी आचार के विरूद्ध कोई इच्छा हो, तो उसे कभी नहीं नहीं बोलने का भाव होना चाहिए। कोई साधु मर्यादा के विपरीत यदि रात्रि में गौचरी (भोजन) लेने आए, तो उसे जिस प्रकार कभी नहीं कह सकते हो, वैसे ही घर में भी कोई सदस्य रात्रि भोजन त्याग की दशा में भोजन का कहेे, तो उसे कभी नहीं कहना आना चाहिए। कई मौकों पर आचार्य के लिए और कई मौको पर जिस प्रकार कभी नहीं कहना जरूरी है, वैसे ही श्रावक-श्राविका के लिए भी यही जरूरी है। इसी प्रकार कुछ मौकों पर अभी नहीं कहना आवश्यक है। दीक्षा भी ऐसा प्रसंग है जिसके लिए कभी नहीं के बजाए अभी नहीं का भाव रख सकते है। साधु नहीं होंगे, तो व्यवस्था नहीं चलेगी। इसलिए मौका मिला, तो दीक्षा लेंगे, लेकिन अभी नहीं कह सकते है।
जरूरी होते हैं कई कार्य
पन्यास प्रवरजी ने कहा कि कई कार्य जरूरी होते है, लेकिन जरूरी कार्य के लिए कभी नहीं, अभी नहीं ना हो सके, तो पाप के क्षेत्र में इतना नहीं पर अमल करना चाहिए। इन तीन बातों कभी नहीं, अभी नहीं, इतना नहीं से हम कई क्षेत्रों में विजय प्राप्त कर सकते है। आचार्य पद इतना आसान नहीं होता, जो इन सभी चरणों से गुजरता है, उसे ही ऐसा अवसर प्राप्त होता है। पन्यास प्रवरजी ने इस मौके पर 24 अप्रैल को आचार महिमा महोत्सव में होने वाली समूह सामायिक में अधिक से अधिक शामिल होने का आह्वान किया।
किया बहुमान
समूह सामायिक के दौरान पद्मभूषण आचार्य श्रीमद विजय रत्नसुन्दर सूरीश्वरजी म.सा.का लायर्स ऑफ कंट्रोल पर प्रवचन होगा। मंगलवार को लाभार्थी पुखराजबेन समीरमल ललवानी, प्रकाशचंद ललवानी महेंद्र ललवानी, कलावती बेन खाबिया एवं चिराग राजेंद्र खाबिया का बहुमान किया गया। श्री संघ की और से अध्यक्ष सुनील ललवानी, अभय पोरवाल, राजेश जैन,सुनील भंडारी, अशोक भाणावत, उषा भंडारी, वंदना सुराना, जयश्रीबेन मूणत, सुनीता पोरवाल आदि ने बहुमान किया। युवा गायक अभिषेक जैन ने संगीतमय प्रस्तुतियां दी। संचालन श्री संघ उपाध्यक्ष मुकेश जैन ने किया।
शाम 6 बजे से प्रदर्शनी
आचार्य के 36 गुणों को दर्शाने वाली आर्ट गैलरी रूद्राक्ष कालोनी मे 28 अप्रैल तक प्रतिदिन शाम 6 से 10 बजे तक खुली रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *