शब्द एवं विचार की महत्ता को समझते रचनाकार आशीष दशोत्तर वागेश्वरी पुरस्कार से सम्मानित

 मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रतिष्ठित भवभूति अलंकरण एवं वागेश्वरी पुरस्कार समारोह का आयोजन

हरमुद्दा
भोपाल/रतलाम, 4 अक्टूबर। मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रतिष्ठित भवभूति अलंकरण एवं वागेश्वरी पुरस्कार समारोह में शहर के युवा रचनाकार आशीष दशोत्तर को वर्ष 2020 के वागीश्वरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया । श्री दशोत्तर को कथेत्तर गद्य साहित्य में उनके व्यंग्य संग्रह “मोरे अवगुन चित में धरो” के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर सम्मान प्रशस्ति में कहा गया कि शब्द एवं विचार की महत्ता को सम्मानित हो रहे रचनाकार समझते हैं। इनसे हिन्दी साहित्य को काफी उम्मीदें हैं।

श्री दशोत्तर को वागेश्वरी पुरस्कार के अंतर्गत प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान निधि प्रदान कर  समारोह के अतिथि महाराष्ट्र साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष श्री दामोदर खडसे , हिंदी व संस्कृत के विद्वान डॉ राधावल्लभ त्रिपाठी, कथाकार महेश कटारे , साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पलाश सुरजन एवं महामंत्री मणि मोहन ने सम्मानित किया। समारोह में वरिष्ठ आलोचक डॉ.विजय बहादुर सिंह, श्री राम प्रकाश त्रिपाठी, श्री जगदीश किंजल्क, श्री अमिताभ मिश्र, श्री वीरेंद्र जैन, वसंत सकरगाए, संजय सिंह राठौर, संजय परसाई, जाहिद मीर सहित उपस्थित साहित्यकारों ने श्री दशोत्तर को शुभकामनाएं दी।  इस अवसर पर साहित्य के सुधि श्रोता उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *